Chanakya Niti: सौ बार स्‍नान करके भी रहे मन मैला, दुष्‍ट की संगति बुरी

 Chanakya Niti: सौ बार स्‍नान करके भी रहे मन मैला, दुष्‍ट की संगति बुरी

आचार्य चाणक्य (Acharya Chanakya) एक कुशल राजनीतिज्ञ, चतुर कूटनीतिज्ञ, प्रकांड अर्थशास्त्री के रूप में जाने जाते हैं. आज भी आचार्य चाणक्य के बताए गए सिद्धांत और नीतियां प्रासंगिक हैं. जहां उन्‍होंने चाणक्य नीति के माध्‍यम से जीवन की अहम समस्‍याओं के समाधन की ओर ध्‍यान दिलाया है, वहीं जीवन में सफलता प्राप्‍त करने और अपने लक्ष्‍य पर टिके रहने के संबंध में भी महत्‍वपूर्ण बातें बताई हैं. चाणक्‍य नीति कहती है कि आप चाहे सौ बार पवित्र जल में स्नान कर लें, लेकिन आप अपने मन का मैल नहीं धो सकते. इसी प्रकार जिस प्रकार मदिरा का पात्र पवित्र नहीं हो सकता, चाहे आप उसे गरम करके सारी मदिरा की भाप बना दें. इनको जीवन में उतार कर व्‍यक्ति सुखी जीवन गुजार सकता है और अपना लक्ष्‍य प्राप्‍त कर सकता है. आप भी जानिए चाणक्‍य नीति की ये बातें-

दुष्ट में नहीं आ सकती पवित्रता
चाणक्‍य नी‍ति कहती है कि एक दुष्ट व्यक्ति में कभी पवित्रता नहीं आ सकती. आप उसे चाहे जैसे समझा लो. ठीक इस तरह जैसे नीम का वृक्ष कभी मीठा नहीं हो सकता. आप चाहे उसकी शिखा से मूल तक घी और शक्कर छिड़क दें.

जो करना है उसके बारे में सोचें
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आचार्य चाणक्‍य के अनुसार सुबह उठकर दिन भर जो काम आप करने वाले हैं, उसके बारे में सोचें. दोपहर को अपनी मां को याद करें और रात को चोरों को न भूलें.

सौ बार स्‍नान करके भी मन मैला
चाणक्‍य नी‍ति कहती है कि आप चाहे सौ बार पवित्र जल में स्नान करें. आप अपने मन का मैल नहीं धो सकते. इसी प्रकार जैसे मदिरा का पात्र पवित्र नहीं हो सकता फिर चाहे आप उसे गरम करके सारी मदिरा की भाप बना दें.

इस तरह स्वर्ग लोक होगा प्राप्त
चाणक्‍य नीति के अनुसार जो व्यक्ति एक साल तक भोजन करते समय भगवान का ध्यान करेगा और मुंह से कुछ नहीं बोलेगा, उसे एक हजार करोड़ वर्ष तक स्वर्ग लोक की प्राप्ति होगी.

जो अधिक हो उसे दान में दें
आचार्य चाणक्‍य के अनुसार एक गुणवान व्यक्ति को वह सब कुछ दान में देना चाहिए, जो उसकी आवश्यकता से अधिक है. केवल दान के कारण ही कर्ण, बाली और राजा विक्रमादित्य आज तक याद किए जाते हैं.

आकार से कोई छोटा नहीं होता
चाणक्‍य नी‍ति कहती है कि एक कड़कती हुई बिजली एक पहाड़ को तोड़ देती है, क्या बिजली पहाड़ जितनी विशाल है? जी नहीं. बिल्‍कुल नहीं. वही बड़ा है जिसकी शक्ति छा जाती है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि उसका आकार कितना है

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