जलवायु खतरों के कारण सूरजपुर पक्षी विहार में विदेशी चिड़ियों के आगमान का पैटर्न बदला
जलवायु परिवर्तन के कारण सिर्फ इंसान ही नहीं बल्कि स्वच्छंद विचरण करने वाले पक्षियों की गतिविधियां भी प्रभावित हुई हैं। सर्दियों में बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी भारत का रुख करते थे लेकिन इनकी संख्या में लगातार कमी दिख रही है। ग्रेटर नोएडा स्थित सूरजपुर पक्षी विहार में प्रवासी पक्षियों की संख्या कम हुई है।
वेटलैंड इंटरनेशनल ने शनिवार को एशियन वाटरवर्ड संसेस (एडब्ल्यूसी) आरंभ की है। इस दौरान सूरजपुर पक्षी विहार में भी गणना की गई। इसका नेतृत्व एडब्ल्यूसी दिल्ली के समन्वयक टी. के. राय ने किया। राय ने बताया कि हालांकि कुल पक्षियों की संख्या पिछली बार की तुलना में थोड़ी ज्यादा है लेकिन मध्य एवं उत्तरी एशियाई देशों रुस आदि से आने वाले पक्षी कम हुए हैं। इस फर्क को इस प्रकार समझा जा सकता है कि पहले किसी प्रजाति के सैकड़ों पक्षी आते थे अब इक्के-दुक्के आ रहे हैं। इसकी वजह जलवायु परिवर्तन है। दरअसल, जहां से पक्षी प्रवास शुरू करते हैं और जहां प्रवास के लिए जाते हैं, दोनों जगहों की जलवायु बदल रही है। ऐसे में उनके प्रवास का पैटर्न बदल गया है।
उन्होंने बताया कि सूरजपुर पक्षी विहार में इस साल सात किस्म के प्रवासी पक्षी नहीं दिखे। जबकि कुछ नई प्रजातियां दिखी हैं। पिछले साल कुल 39 प्रजातियों की 2092 पक्षी रिकार्ड किए गए थे। इस बार 40 प्रजातियों के 3107 पक्षी दिखे हैं। संख्या बढ़ी है लेकिन दूसरे देशों से आने वाले प्रवासी पक्षियों की संख्या कम हुई है। इस साल कुल 40 प्रजातियों में से 23 प्रजातियां प्रवासी पक्षियों के हैं जिनमें देश के भीतर की प्रजातियां भी शामिल हैं।
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