एक साथ आये चिराग और तेजस्वी, मीडिया से की बात
बिहार के जो राजनीती के जानकार है, या जो बिहार की राजनीती के नस को समझते हैं, वो आज भी कहते हैं कि जब तक लालूप्रसाद यादव और रामविलास पासवान साथ थे, उनके गढ़ यानी बिहार में किसी भी अन्य को सेंध मारने की जुर्रत नहीं हुई. जिसने मारना चाहा.. वह औंधे मुंह गिरा. रामविलास पासवान अबी इस दुनिया में नहीं है और फिलहाल सबकी नजरे अगली पीढ़ी की सियासी एकता की दुआएं कर रही है. दोनों अगर मिल जाए, तो बिहार के सियासत के पास और कोई तीसरा विकल्प ही नहीं है.
अरसे बाद राजद के तेजस्वी यादव और चाचा और भाजपा से ठुकरा दिए गए चिराग पासवान एक साथ देखे गए. आगामी 12 सितंबर को दिवंगत रामविलास पासवान की बरखी है जिसमें आमंत्रित करने के लिए रामविलास पासवान के पुत्र चिराग पासवान में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से राबड़ी आवास पे मुलाकात की और उन्हें आमंत्रण भी दिया. तकरीबन आधे घंटे तक ये मुलाकात हुई और उसके बाद दोनों एक साथ राबड़ी आवास से बाहर निकले और मीडिया से मुखातिब हुए.
मीडिया से बात करते हुए चिराग पासवान ने कहा कि रामविलास पासवान जी की बरखी है, जिसको लेकर हम हर पार्टी के अध्यक्ष से मिलकर उनको आमंत्रित कर रहे है.
वही तेजस्वी यादव ने कहा की चिराग पासवान में हमें अपने पिता की बरखी में आमंत्रित किया है और हम जरूर जाएंगे. रामविलास पासवान हमारे पिता समान थे और हमारे पिता के बहुत करीबी भी थे. पिछले दिनों लालू यादव ने जिस तरह से ये कहा था कि चिराग और तेजस्वी एक साथ आये तो अच्छा रहेगा उसको लेकर भी तेजस्वी से स्पष्ट संकेत दिए और कहा कि जब लालू जी ने खुद इच्छा जाहिर कर दी है तो उनके कुछ कहने का मतलब ही नहीं बनता.