चिराग पासवान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर बिहार में अंतरराष्ट्रीय हवाई सेवाओं की शुरुआत की मांग

 चिराग पासवान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर बिहार में अंतरराष्ट्रीय हवाई सेवाओं की शुरुआत की मांग

लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर बिहार में अंतरराष्ट्रीय हवाई सेवाओं की शुरुआत की मांग की है I चिराग ने पत्र में लिखा है कि ‘प्रधानमंत्री, इस पत्र के माध्यम से बिहार की एक ऐसी समस्या आपके संज्ञान में देना चाहता हूं, जिसकी वहज से दुनिया भर में रह रहें बिहारियों को कठिनाई का सामना करना पड़ता है I आजादी के 75 साल बाद भी बिहार पिछड़े राज्यों की श्रेणी में आता है I

उन्होंने कहा बिहार के लोग रोजगार की तलाश में पलायन कर देश और दुनिया के विभिन्न कोनों में जाकर बसने के लिए मजबूर हैं I हर देश में रह रहें बिहारियों कि आपसे बस एक ही मांग है, वे चाहते हैं कि बिहार में जल्द से जल्द अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का निर्माण किया जाए I चिराग ने पत्र में लिखा कि ‘महोदय, आपको अवगत कराना चाहता हूं कि मुझे दुबई में आयोजित डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 132 वीं जयंती समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में जाने का अवसर मिला, उस समारोह के क्रम में मुझे हजारों भारतीय प्रवासियों से मिलने का मौका मिला, जिसमें अधिकांश बिहारी थे I

आगे उन्होंने लिखा मुझे यह जानकर आश्चर्य हुआ कि संयुक्त अरब अमीरात में कुल भारतीय लगभग 35 लाख हैं उसमें से बिहार और झारखंड के लोगों की कुल संख्या लगभग 4 लाख हैं, जिसमें अधिकांश मध्यम वर्ग के लोग हैं’ I इसके अलावा चिराग ने पत्र में लिखा कि ‘मैं बिहार प्रदेश से जनप्रतिनिधि होने के नाते आपसे व्यक्तिगत तौर पर तथा अपनी लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) की ओर यह मांग करता हूं कि बिहार को एक अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे की सौगात देकर विदेशों में रह रहे बिहारियों की उपरोक्त समस्या का समाधान निश्चित रूप करेंगे I मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप इस मांग को जल्द पूरा करने की कृपा करेंगे I

आपको बता दें ‘एलजेपीआर’ प्रमुख ने कहा कि ‘जब कभी विदेश में रह रहे बिहार के लोगों को अपने घर आना-जाना पड़ता हैं, तो मजबूरन उन्हें वाया दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता या किसी अन्य शहर पहले आना पड़ता है I बिहार जाने के लिए उन्हें हवाई या अन्य मार्ग से विवश होकर जाना पड़ता है, जिससे उन मध्यमवर्गीय प्रवासियों पर अनावश्यक आर्थिक बोझ बढ़ता है और समय की भी बर्बादी होती है I विवश होकर अधिकांश लोग चाह कर भी कई बार अपने घर नही आ पाते हैं I’

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