CM नीतीश कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग के 17 भवनों का उद्घाटन एवं 5 भवनों का किया शिलान्यास

 CM नीतीश कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग के 17 भवनों का उद्घाटन एवं 5 भवनों का किया शिलान्यास

पटना : 25 मई बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 1 अण्णे मार्ग स्थित संकल्प से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भवन निर्माण विभाग द्वारा क्रियान्वित विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग के 893.60 करोड़ रुपये की लागत के 17 भवनों का उद्घाटन एवं 193.67 करोड़ रुपये की लागत के 5 भवनों का शिलान्यास किया।

इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों का मैं अभिनंदन करता हूं। आज कई योजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया गया है। विभाग के मंत्री एवं अधिकारी ने योजनाओं के संबंध में विस्तृत जानकारी दी है। आज 17 भवनों का उद्घाटन किया गया है जिसमें 8 जिलों के अभियंत्रण महाविद्यालय हैं। खगड़िया और बेतिया में पॉलिटेक्निक भवन का निर्माण हुआ है। सासाराम, छपरा, पूर्णिया, भागलपुर, बख्तियारपुर एवं चंडी के पॉलिटेक्निक संस्थानों में छात्र छात्राओं के लिए छात्रावास निर्माण भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि कई भवनों का शिलान्यास किया गया है जिसमें भागलपुर, मुजफ्फरपुर, गुलजारबाग (पटना) और छपरा के पॉलिटेक्निक संस्थानों तथा मोतिहारी अभियंत्रण महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं के लिए छात्रावास का निर्माण कराया जाना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी को मालूम है कि हमने निर्णय लिया है कि हर जिले में इंजीनियरिंग कॉलेज और पॉलिटेक्निक कॉलेज का निर्माण करेंगे। इसी साल के अंत तक सभी इंजीनियरिंग कॉलेज और पॉलिटेक्निक कॉलेज के भवनों का निर्माण पूरा कर लिया जायेगा। पहले बिहार में 17 से 23 वर्ष के 13.9 प्रतिशत बच्चे-बच्चियां उच्च शिक्षा प्राप्त करते थे जबकि देश में यह आंकड़ा 25 प्रतिशत था। हमने लक्ष्य निर्धारित किया था कि 30 प्रतिशत बच्चे-बच्चियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिये प्रोत्साहित करेंगे। 2021 की रिपोर्ट के अनुसार बिहार में यह दर 19.3 प्रतिशत तक पहुंच गया है। इसी को ध्यान में रखते हुये नये इंस्टीट्यूशन के निर्माण का निर्णय लिया गया था। जब हम सांसद थे और केंद्र सरकार में मंत्री थे, तो देश के कई हिस्सों में जाने का अवसर मिलता था, उस दौरान हम देखते थे कि बिहार के विद्यार्थी वहां पढ़ रहे हैं।

उन्होंने कहा जब हमें 2005 में काम करने का मौका मिला तो हमने तय किया कि सभी जिलों में इंजीनियरिंग कॉलेज, पॉलिटेक्निक कॉलेज बनायेंगे। राज्य सरकार ने जमीन उपलब्ध कराकर अपने खर्चे पर बी०आई०टी० मेसरा के भवन का निर्माण कराया। जब हम श्रद्धेय अटल जी की सरकार में केंद्र में मंत्री थे, उस दौरान बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, पटना को हमने एन०आई०टी० बनाने के लिए आग्रह किया था और उसके बाद बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग को एन०आई०टी० का दर्जा मिला। मेरे आग्रह पर ही पटना में आई०आई०टी० का निर्माण कराया गया। उसके लिये राज्य सरकार ने 500 एकड़ जमीन उपलब्ध करायी। इससे छात्रों को काफी लाभ हो रहा है।

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