श्री उग्रतारा महोत्सव के दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयुक्त गोरखनाथ ने किया उद्घाटन 

 श्री उग्रतारा महोत्सव के दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयुक्त गोरखनाथ ने किया उद्घाटन 

आज शनिवार को विश्वप्रसिद्ध मण्डन धाम पर श्री उग्रतारा महोत्सव के दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयुक्त गोरखनाथ ने विधिपूर्वक उद्घाटन किया। आयुक्त ने उद्घाटन के बाद कहा कि इस तरह के कार्यक्रम से ज्ञान बर्द्धन होता है। उन्होंने कहा कि यह विद्वानों की धरती रही है। भारती और मण्डन की ख्याति विद्वता के अनुसार विश्वस्तरीय है। उन्होंने सभ्यता एवं संस्कृति के प्रादुर्भाव एवं धर्म के शुरुआत पर प्रकाश डालते कहा कि सबसे पहले जंगलों में सभ्यता का विकास हुआ था और उसी के साथ संस्कृति भी चली। धीरे धीरे धर्म के प्रति अशक्ति बढ़ी।

सबसे पहले प्रकृति उपासना और बाद में मू्त्तित उपासना शुरू हुई। उद्घाटन सत्र में प्रो. जी. आंजनेय शास्त्री ने कांचीपुरम के शंकराचार्य का संदेश सुनाया। उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रशंसा करते कहा कि उनके प्रयास से उग्रतारा महोत्सव का आयोजन होता है। इसके लिए उनका धन्यवाद और सेमिनार सहित महोत्सव की सफलता के लिए शुभकामना दिया है। प्रो. ललितेश मिश्र ने महोत्सव एवं सेमिनार के आयोजन का उद्देश्य बताते कहा कि इस माध्यम से राज्य में छिपे धार्मिक, दार्शनिक, सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक स्थलों की महत्ता के अनुसार ख्याति दिलाने का प्रयास किया गया है। 

इसी क्रम में महिषी में उग्रतारा महोत्सव का आयोजन 2012 से किया जा रहा है। सदर SDPO प्रदीप झा ने कहा कि इस सेमिनार में देश के चारों दिशाओं से विद्वानों को बुलाकर संगम कराने का प्रयास किया गया है। इस सेमिनार में विद्वानों के विचारों को सुनकर समुचित लाभ लें। उद्वहतन सत्र में डॉ. पंकज कुमार मिश्र रचित मण्डन ग्रन्थावली का विमोचन किया गया। इस सत्र का प्रारम्भ शत्रुघ्न चौधरी के अगुवाई में बच्चों के स्वस्तिवाचन से हुआ। डॉ. नन्द किशोर चौधरी के संचालन में हुए उद्घाटन सत्र में आयुक्त, आगत विद्वान जी. आंजनेय शास्त्री, डॉ. कामदेव झा, डॉ. पंकज मिश्र, प्रो. ललितेश मिश्र, एडीएम विनय कुमार मंडल, एसडीओ सदर प्रदीप झा एवं सिमरी बख्तियारपुर अनिशा सिन्हा, एनडीसी चन्दन कुमार झा को पाग चादर देकर सम्मानित किया गया। मौके पर सामाजिक सुरक्षा के सहायक निदेशक कुमार सत्यकाम, डीआरडीए निदेशक दिलीप कुमार राम, बीडीओ विनय मोहन झा, न्यास सचिव केशव चौधरी, डॉ. आनन्द दत्त झा, डॉ. अक्षय कुमार चौधरी, वाचस्पति झा, जवाहर ठाकुर, दिलीप चौधरी, पंसस आसुतोष झा, पूर्व मुखिया गणेश बढ़ई, सुमन ठाकुर, धीरेंद्र झा, संजय झा, थानाध्यक्ष शिवशंकर कुमार मौजूद थे।

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