झारखंड में राजेश ठाकुर के प्रदेश अध्यक्ष के शानदार कार्यकाल में मजबूत हुई कांग्रेस
प्रदेश कांग्रेस का कर दिया कायाकल्प, विपरीत स्थितियों में भी पार्टी को रखा एकज
रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस के निर्वतमान अध्यक्ष राजेश ठाकुर के तीन वर्षों के शानदार प्रदेश अध्यक्षीय कार्यकाल में कांग्रेस सांगठनिक स्तर पर न केवल मजबूत हुई, बल्कि आदिवासी बहुल इस राज्य में कांग्रेस के खोये हुए वैभव को धीरे-धीरे वापस लौटाने में कामयाबी भी मिली। इन्होंने अपने तीन वर्षों के कार्यकाल में कांग्रेस का संगठन बूथ स्तर से लेकर जिला और राज्य स्तर तक मजबूत किया।
पूरे राज्य में सांगठनिक ढांचा जो पहले से कमजोर था उसे मजबूत किया और हर स्तर पर कांग्रेसजनों को सक्रिय एवं प्रोत्साहित किया। उनके पूर्व के जो अध्यक्ष थे, वह पंचायत, प्रखंड, जिला और राज्य स्तर पर कमिटी नहीं बना पाए थे उन कमिटियों को न केवल इन्होंने बनाया बल्कि उसे सक्रिय भी किया। आज झारखंड में पहले की अपेक्षा कांग्रेस काफी मजबूत हुई है।
यही कारण है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में जहां कांग्रेस को झारखंड में सिहभूम में गीता कोड़ा को छोड़कर सभी सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था वहीं इस बार लोकसभा चुनाव में सात सीटों पर कांग्रेस लड़ी और दो पर विजय हासिल की। खूंटी और लोहरदगा में कांग्रेस के प्रत्याशी जीते। पिछले चुनाव में जहां कांग्रेस की गीता कोड़ा जीती थी और वह बाद में भाजपा में शामिल हो गई थी लेकिन इस चुनाव में प्रदेश अध्यक्ष रहे राजेश ठाकुर ने पूरी ताकत लगाकर गीता कोड़ा को पराजित कराने का काम किया और वहां इंडिया गठबंधन की उम्मीदवार जोबा मांझी को विजय श्री दिलवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इस वर्ष के आरंभ में जब झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जेल जाना पड़ा तब इन्होंने गठबंधन धर्म का पालन करते हुए सरकार को मजबूती से बनाए रखा और गठबंधन सरकार को समर्थन जारी रखा। गौरतलब है कि झारखंड में अभी कांग्रेस के 17 विधायक हैं और चर्चाओं के अनुसार इन्हें तोड़ने का एनडीए गठबंधन की ओर से खासकर भाजपा की ओर से काफी प्रयास किया गया, प्रलोभन दिया गया लेकिन राजेश ठाकुर ने अपने राजनीतिक कौशल का परिचय देते हुए पार्टी के सभी विधायकों को एक सूत्र में बांधे रखा और पार्टी तोड़ने के भाजपा के प्रयासों को विफल कर दिया।
पार्टी की नीतियों और सिद्धांतों के प्रति पूरी तरह समर्पित राजेश ठाकुर एनएसयूआई के जरिए छात्र राजनीति से ही कांग्रेस से जुड़े रहे और कांग्रेस पार्टी में अपनी आस्था को लगातार मजबूत करते गए। आज यही कारण है कि पार्टी आलाकमान सोनिया गांधी, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के भी वह काफी प्रिय बने हुए हैं। राजेश ठाकुर की पहल और राजनीतिक समझ का ही परिणाम है कि कांग्रेस के नेताओं को आज झारखंड सरकार के निकायों, बोर्ड कमिटियों में स्थान दिलाने में कामयाबी मिली है। अपने शानदार, सक्रिय तथा कार्यकर्तोन्मुखी कार्यों के जरिये कांग्रेस संगठन की मजबूती के लिए राजेश ठाकुर की चर्चा सदैव होती रहेगी और पार्टी इन्हें आने वाले दिनों में पुरस्कारस्वरूप बड़ी जिम्मेवारी सौंप सकती है।