तीसरी लहर से पहले लक्षण बदल रहा कोरोना, डॉक्टर्स का अलर्ट मरीजों की संख्या में हुआ इजाफा
कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बाद से ही मरीजों में कोरोना के लक्षण काफी बदल गए हैं. डॉक्टर्स के सामने कोरोना संक्रमण को पहचानने की चुनौती बनी हुई है. डॉक्टर्स जब मरीज को कोरोना की जांच के लिए कहते हैं तो उनमें से अधिकतर इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. कोलकाता के डॉक्टर्स का कहना है कि अधिकांश लोगों को कोरोना का वैक्सीन लग चुका है और अब लोग इस बीमारी को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. कोरोना की तीसरी लहर में लक्षण बदल गए हैं और वे हल्के हो गए हैं, लेकिन समय पर इलाज न करने से बीमारी गंभीर भी हो सकती है.
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डॉक्टर्स का कहना है कि मरीजों की कोरोना टेस्ट कराने में रुचि नहीं है. वे डॉक्टर्स की सलाह को अनसुना कर दे रहे हैं. कोरोना टेस्टिंग में कमी का कारण है कि अब इसके सटीक आंकड़े सामने नहीं आ पा रहे. एक ही परिवार को लंबे समय तक सर्दी और खांसी होना भी इसका एक कारण हो सकता है. ऐसा समझा जा रहा है कि वायरस ने लक्षण बदल लिए हैं. बालीगंज के डॉ. सब्यसाची बर्धन ने बताया कि चूंकि मौसम बदलने से नवंबर-दिसंबर में सर्दी-खांसी और फ्लू आमतौर पर होता है. लेकिन जब एक ही परिवार के लोगों में यह लंबे समय तक बना रहे और मरीजों को स्वाद और गंध न आने की शिकायत हो, तब यह कोरोना का लक्षण हो सकता है. ऐसे में जांच करा लेना चाहिए.