कोरोना वायरस सांस की नलियों व फेफड़ो पर अटैक कर डैमेज कर रहा
कोरोना वायरस का सांस की नलियों पर असर होने से फेफड़े डैमेज हो रहे है। निमोनिया व डायरिया से ग्रसित मरीजों को कोरोना वायरस मौत की वजह बन रहा है। डाॅक्टरों के अनुसार निमोनिया, डायरिया जैसे बीमारियां फेफड़े से जुड़ी होती है। कोरोना संक्रमित हो जाने पर फेफड़े में इन्फेशन हो जाते है जिस वजह से ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। जिससे व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। डाॅक्टरों ने बताया कि कम इम्युनिटी वाले कोरोना संक्रमितों मरीजों में यह समस्या अधिक देखने को मिलता है।
दूसरी कोरोना महामारी की लहर से डाॅक्टर भी हैरान है। एम्स व पीएमसीएच के डाॅक्टरों ने सीटी स्कैन व एक्स रे रिपोर्ट के बाद कई खुलासे किए है। रिपोर्ट में युवा कोरोना संक्रमित फेफड़ों की कोशिकाएं सतर साल की बुजुर्ग कोरोना संक्रमित जैसी मिल रही है। डाॅक्टरों ने आगे कहा कि युवाओं में सबसे अधिक संक्रमण हो रहे है तथा युवा ही गभीर अवस्था में होकर सबसे अधिक अस्पताल पहुंच रहे है।
कोरोना वायरस फेफड़ों पर तीन दिन के अंदर ही असर दिखाना शुरू कर देता है। इससे फेफड़ों की कोशिकाओं सिकुड़ती है। मार्च महीने से अबतक एम्स में दस लोगों की मौत कोरोना वायरस हो चुकी है। एम्स कोविड वार्ड नोडल पदाधिकारी डाॅ संजीव कुमार ने कहा कि कोरोना वायरस से 45 से 60 साल के बीच के कुछ लोगों की मौत हुई है।
छाती रोग विशेषज्ञ पीएमसीएच के डाॅ सुभाष चंद्र झा ने कहा कि कोरोना के डंक से फेफड़े डैमेज हो रहे है। सांस की नलीयों के ऊपरी हिस्सों में सूजन देखने को मिल रही है।
संवाददाता, ए बी बिहार न्यूज।