बिहार और झारखंड के मोबाइल सेवाओं पर मंडरा रही खतरे की घंटी, टावर फर्मों ने राज्य सरकारों से की हस्तक्षेप की मांग
बिहार और झारखंड राज्य में मोबाइल सेवाओं पर खतरे की घंटी मंडरा रही है। कुछ कथित यूनियनों ने बिहार और झारखंड क्षेत्र में दूरसंचार सेवाओं को बाधित करने की धमकी दी है। जिसको लेकर भारत में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदाताओं की एक शीर्ष प्रतिनिधि संस्था ‘डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स एसोसिएशन’ (DIPA), ने आज मंगलवार को बिहार और झारखंड की सरकारों से “स्व-घोषित” यूनियनों के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।
डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स एसोसिएशन के महानिदेशक टीआर दुआ ने अपने बयान में कहा, “एक स्व-घोषित यूनियन ने विशेष रूप से मौद्रिक लाभ के संबंध में उनकी कथित अवैध मांगों को पूरा नहीं करने पर दोनों राज्यों – बिहार और झारखंड में दूरसंचार सेवाओं को बाधित करने के लिए एक अवैध धमकी दी है।” दुआ ने अपने बयान में कहा, “हमने झारखंड के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह और बिहार के मुख्य सचिव, अमीर सुभानी से अनुरोध किया है कि वे सभी जिलों में सभी संबंधित अधिकारियों को निर्बाध दूरसंचार कनेक्टिविटी और दूरसंचार कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक निर्देश जारी करने में तत्काल हस्तक्षेप करें।”
आपको बता दें टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदाताओं ने समर्थन के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों और पुलिस अधिकारियों से भी संपर्क किया है। Fडीआईपीए ने7 कहा, “शिकायत दर्ज की गई है लेकिन उपद्रवियों के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई शुरू नहीं की गई है और यूनियनों द्वारा दूरसंचार टावरों को बंद कर दिया गया है।”दुआ ने आगे कहा, “हमारे टेलीकॉम फील्ड इंजीनियरों और उनके परिवारों को भी धमकियां मिली हैं। इसके साथ, हमें गंभीर आशंकाएं हैं जो गाउंड पर यूनियनों के कार्यों से आकर्षित हो सकती हैं, और यह कि बड़े पैमाने पर व्यवधान का एक गंभीर और ठोस खतरा है।