दर से तुम्हारे मैं उठ के ना जाऊ
दर से तुम्हारे मैं उठ के ना जाऊ मुझको यही मर जाना है,
झोली भरेंगे साई सभी की सब को यही समजाना है,
तुम हो सभी के मैं हु तुम्हारा साई बाबा देदो सहारा,
टूटी कश्ती डूभ न जाए साहिल तुम हो तुम हो किनारा,
चाहे कहे अब वो सारा जमाना ये पागल दीवाना है ,
झोली भरेंगे साई सभी की सब को यही समजाना है,
जो भी माँगा जिसने बाबा तुम ने वो ही उसको दिया है,
राजा हो या रंक कोई भी तुम्हने सब को अपना लिया है,
आकर सब शिरडी में देखो ये न कोई अफसाना है ,
झोली भरेंगे साई सभी की सब को यही समजाना है,
मेरी आँखों में वसना है मेरे दिल में रहना,
सब की तमना पूरी करि है लुफ़्तो कर्म का क्या है कहना,
दोनों जहां की दौलत पाई जिसने तुम्हे पहचान है,
झोली भरेंगे साई सभी की सब को यही समजाना है|