पिता की संपत्ति में पुत्री को पुत्र के समान अधिकार

 पिता की संपत्ति में पुत्री को पुत्र के समान अधिकार

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक ऐतिहासिक फैसले में कहा कि पुत्रियों को समानता के उनके अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है | इसलिए संशोधित हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम के तहत महिला को अपने पैत्रिक संपत्ति में भाई के समान ही हिस्सा मिलेगा चाहे पिता की मृत्यु हिन्दू उत्तराधिकार (संशोधन) कानून – 2005 लागु होने से पहले हो गयी हो |

आज मामले की सुनवाई करते हुए न्यायधीश अरुण मिश्ना के अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने अपने फैसले में कहा कि बेटी जीवन भर माता पिता को प्यार करने वाली होती है | इसके वितरित विवाह के पश्चात बेटों की नियत एवम व्यवहार में बदलाव आता है इसलिए बेटियों को संपत्ति में बेटों के बराबर हिस्सेदारी मिलेगी |

यह मामला बहन-भाइयों के बीच संपत्ति बटवारे का था जिसे लेकर बहन ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी | इस मामले में भाइयों ने अपने बहन को यह कहते हुए हिस्सेदार नहीं माना की पिता की मृत्यु 1999 में हो गयी थी इसलिए वो हिस्सेदार नहीं है क्यूंकि हिन्दू उत्तराधिकार (संशोधन) कानून – 2005 के तहत के बाद के ही फैसलों में बेटियों को बेटो के समान अधिकार है पहले नहीं | परन्तु सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ कर दिया कि पिता की मृत्यु 2005 के पहले भी हो गयी हो पिता की संपत्ति में बेटियों को बेटों के समान पूर्ण हिस्सेदारी होगी |

संबंधित खबर -