कोरोना से हुई मौत तो बेटे ने शव लेने से इंकार किया, मुस्लिम युवक ने किया अंतिम संस्कार

 कोरोना से हुई मौत तो बेटे ने शव लेने से इंकार किया, मुस्लिम युवक ने किया अंतिम संस्कार
Coronavirus: Muslim men perform funeral rites for Hindu 78-year-old Hindu  man after son refuses, due to fear of COVID-19 | India – Gulf News

कहते हैं कोरोना (Corona) से डरना नहीं है बल्कि अपनी समझदारी दिखाते इससे लड़ना जरूर है लेकिन कोरोना का भय किस कदर इंसान के अंदर घर कर बैठा इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि दरभंगा के (DMCH Hospital) अस्पताल में जब एक बुजुर्ग की मौत कोरोना से हो गई तो परिवार ने शव को लेने से ही इनकार कर दिया. इतना ही नही मृतक बुजुर्ग के बेटे ने तो अस्पताल प्रशासन को लिखित देते हुए शव लेने और अंतिम संस्कार करने में असमर्थता जताई, यानी कोरोना का भय इतना ज्यादा दिखा की बेटा ने अपना न सिर्फ पुत्र धर्म भूल गया बल्कि मृतक के घर, परिवार और समाज के लोग स्नातन धर्म के मूल सिद्धांत भी निभाने सामने नही आये.

खुद को किया अलग

ऐसे में जब इसकी सूचना कबीर सेवा संस्थान को मिली तो उसने हिम्मत दिखाई और चार पांच लोग पीपीई किट पहन मानव सेवा धर्म की रक्षा करते हुए बुजुर्ग के शव को पूरे हिन्दू रीति रिवाज से देर रात दाह संस्कार कर यह साबित कर दिया कि आज भी मानव सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है. खास बात यह रही कि इस दाह संस्कार में एक मुस्लिम युवक की अहम भूमिका रही. शव के दाह संस्कार के बाद सभी लोगों ने खुद को होम आइसोलेशन में डाल लिया है और अपनी कोरोना जांच रिपोर्ट आने तक खुद को अलग रहने का फैसला किया है.

क्या है पूरा मामला
पूरा मामला दरभंगा के DMCH अस्पताल का है जहां रेलवे से रिटायर एक बुजुर्ग की मौत कोरोना संक्रमण से हो गई. इसकी सूचना तत्काल परिवार को दी गई लेकिन आदमी की कमी और शव को लेजाने की असमर्थता का हवाला देते हुए बेटे ने शव को लेने से इनकार किया और अस्पताल प्रशासन को लिख कर भी दिया. इसके बाद बेटे ने अपना मोबाइल बंद कर लिया. प्राप्त जानकारी के अनुसार मृतक बुजुर्ग कमतौल थाना के पीडारुच गांव के रहने वाले थे. मृतक के तीन और पत्नी है लेकिन एक बेटे को छोड़ इसके परिवार के सभी सदस्य कोरोना संक्रमित हैं. जब बेटे ने शव को लेने से इनकार किया तब इसकी सूचना कबीर सेवा संस्थान को इसकी सूचना दी गई जिसके बाद सेवा संस्था के लोगो ने मानव धर्म निभाते हुए शव को देर रात हिन्दू रीति रिवाज से दाह संस्कार कर मानव सेवा की मिसाल कायम की.

जारी किया वीडियो

इस दाह संस्कार में कबीर सेवा संस्थान के संरक्षक नवीन सिन्हा के साथ मोहम्मद उमर, दीपक, सुरेंद्र और रंजीत की भूमिका भी सराहनीय रहा. दाह संस्कार में शामिल युवक ने बताया कि शव के दाह संस्कार के बाद होम आइसोलेशन में रह रहे मोहम्मद उमर ने वीडियो जारी कर बताया कि अपनी जांच रिपोर्ट आने तक खुद को क्वारंटीन में रहेंगे ताकि परिवार और समाज को इससे कोई खतरा न. इसके अलावा उन्होंने बताया कि कोरोना से डरने की कोई जरूरत नहीं बल्कि कोविड गाइडलाइन पालन कर इससे लड़ने की जरूरत है. उमर ने यह भी बताया कि कोरोना डर के कारण बेटा ने अपना फर्ज नहीं निभाया लेकिन संस्था के लोगों ने मानव धर्म निभाया. खुद मुस्लिम होने का हवाला देते हुए कहा कि उसने न सिर्फ शव के दाह-संस्कार में बाहर से मदद की बल्कि अपने संस्थान के हिन्दू लोगों को इकट्ठा कर हिन्दू रीति रिवाज से ही शव का अंतिम संस्कार किया.

After Son 'Refuses', Muslims from Local Organisation in Maha Perform Last  Rites of 78-yr-old Hindu Man

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