दिल्ली: आजादपुर मंडी में टमाटर खरीदने पहुंचा सब्जी विक्रेता ने खाली लौटा, टमाटर इतने महंगे की खरीद नहीं सका
दिल्ली के आज़ादपुर मंडी से टमाटर ख़रीद कर बेचने आये थे – इतना महँगा था टमाटर की ख़रीद ना सके। ख़ाली ढेला वापस ले जाने तो मंजीर थे। बेटा साथ आया था, लेकिन बाप की हिम्मत जवाब दे गई, किस मुँह से बेटे को कहते की एक और दिन फाँका करना होगा। कह रहे हैं – ‘पैसे नहीं है। घर नहीं चल रहा। महंगाई इतनी है कि…. बस आंसू का सैलाब बह निकला।
आपको बता दें गमछे से आंसू पोंछते रामेश्वर के देख कर सख़्त से सख़्त दिल इंसान की आँखें छलक जायेगी। एक रामेश्वर की मदद तो हम में से कई है, जो कर सकेगा, लेकिन देश के कोने कोने में लाखों रामेश्वर अपने परिवार के सामने बेबस हैं। क्या करें, जान दे दें, ये सब। कमर तोड़ महंगाई है। लेकिन मजाल है कि कोई इसके बारे में कुछ कहे, लिखे, सवाल पुछे, सरकार को आड़े हाथों ले। बस सोशल मीडिया पर हम जैसे है, जो सवाल उठा पा रहे हैं – वो भी ना जाने कब तक।
अगले हफ़्ते अविश्वास प्रस्ताव के समय, देखियेगा – सरकार आड़े गिनाते गिनाते थका देगी। कैसे भारत को चौतरफ़ा विकास दिलाकर बीते 9 सालों में मोदी जी ने इतिहास रच दिया है। मोदी-मोदी ने नारे संसद में गुंजेगा।लेकिन एक भी BJP का सांसद महंगाई, बेरोज़गारी, अमीरों के मुकाबले ग़रीबों की कई गुणा बढ़ती संख्या पर चर्चा नहीं करेगा – ना जवाब देगा। राष्ट्रवादी लिबास ओढ़ी सरकार को ये लोग दिखते नहीं है।