दाउदनगर – नासरीगंज सोन पुल का नाम जगतपति सेतु रखने की मांग
भखरुआ मोड़ का नाम शहीद जगतपति चौक हो : कमल
1942 की अगस्त क्रांति के दौरान शहीद हुए थे जगतपति कुमार
औरंगाबाद : ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं वरीय पत्रकार कमल किशोर ने 1942 की अगस्त क्रांति में बिहार विधान सभा के सामने शहीद जगतपति कुमार की स्मृति में औरंगाबाद जिला अन्तर्गत दाउदनगर – नासरीगंज सोन पुल का नाम जगतपति सेतु रखने और दाउदनगर के भखरुआ मोड़ का नाम शहीद जगतपति चौक करने की मांग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से की है ।
श्री किशोर ने आज मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में कहा है कि सन् 1942 की अगस्त क्रांति के दौरान पटना में बिहार विधानसभा व सचिवालय पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के क्रम में तब बी एन कॉलेज के छात्र जगतपति कुमार अपने छह साथियों के साथ शहीद हो गए थे और इनकी स्मृति में विधानसभा के सामने शहीद स्मारक बना हुआ है । लेकिन विचारणीय विषय यह है कि शहीद जगतपति कुमार का अपने पैतृक गांव खरांटी (ओबरा) के अलावा अपने गृह अनुमंडल दाउदनगर में न तो कोई स्मारक है और न ही उनकी स्मृति में किसी सरकारी संस्थान , पथ या चौक का नामकरण किया गया है । वर्ष 2022 – 23 शहीद जगतपति कुमार जी का जन्म शताब्दी वर्ष है ।
अगर इस दौरान दाउदनगर – नासरीगंज सोन पुल का नाम शहीद जगतपति सेतु और दाऊदनगर के भखरुआ चौक का नाम शहीद जगतपति चौक कर दिया जाता है तो यह न केवल राज्य सरकार की ओर से उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी , बल्कि वर्तमान के अलावा आने वाली पीढ़ी भी उनके राष्ट्रप्रेम , त्याग व बलिदान से अवगत हो सकेगी । वैसे भी, जो वर्तमान में अभी भखरुआ मोड़ है, में भखरुआ का कोई शाब्दिक अर्थ नहीं है । यहां यह भी लिखना प्रासंगिक है कि शहीद जगतपति कुमार आजादी की लड़ाई के दौरान औरंगाबाद जिला से शहीद होने वाले एकमात्र व्यक्ति थे ।
श्री किशोर ने मुख्यमंत्री से मांग के संदर्भ में कहा है कि आपके कार्यकाल में और आपकी विशेष पहल पर नवनिर्मित दाउदनगर – नासरीगंज पुल का नामकरण शहीद जगतपति सेतु तथा दाउदनगर के भखरुआ मोड़ का नामकरण शहीद जगतपति चौक करने की दिशा में निर्णय लेने की आवश्यकता है । पत्र की प्रतिलिपि मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव एवं औरंगाबाद के पूर्व जिलाधिकारी दीपक कुमार ,मगध प्रमंडल के आयुक्त मयंक बरवड़े, जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल को भी भेजी गई है ।