सूर्य को जल अर्पण करने वाले श्रद्धालु,लोटे में ये वस्तु रख करें जलार्पण,हर मनोकामना होगी पूरी
सूर्य को वेदों में जगत की आत्मा कहा गया है| समस्त चराचर जगत की आत्मा सूर्य ही है| सूर्य से ही इस पृथ्वी पर जीवन है, यह आज एक सर्वमान्य सत्य है| वैदिक काल में आर्य सूर्य को ही सारे जगत का कर्ता-धर्ता मानते थे| सूर्य का शब्दार्थ है सर्व प्रेरक| यह सर्व प्रकाशक, सर्व प्रवर्तक होने से सर्व कल्याणकारी है|
कहा जाता है कि जो व्यक्ति अपने दिन की शुरुआत सूर्यदेव को जल अर्पित करने से करता है, उसे कभी भी किसी काम में असफलता नहीं मिलती है| सूर्य देव को अर्घ्य देने की महिमा और लाभ शास्त्रों में भी बताए गए हैं, सूर्यदेव को अर्घ्य देने से नौकरी में आ रही अडचनें दूर होती हैं|जो सूर्यदेव को प्रसन्न कर लेता है, उससे यमराज भी प्रसन्न होते हैं और बीमारियों का खतरा भी टलता है|
सूर्यदेव को जल चढाते समय सबसे पहले आप एक दीपक प्रज्वलित करें और सूर्यदेव से अपनी मनोकामना कहें| अब आप जल चढ़ाने वाले लोटे में तीन बूँद यमुना जल मिला लें और सूर्यदेव को जल अर्पित कर दें| आपकी मनोकामना जल्दी ही पूरी हो जाएगी|