दीदीजी फाउंडेशन और जीकेसी ने किन्नर समुदाय के लोगों के बीच बांटी दीवाली की खुशियां

 दीदीजी फाउंडेशन और जीकेसी ने किन्नर समुदाय के लोगों के बीच बांटी दीवाली की खुशियां

पटना, 04 नवंबर दीदीजी फाउंडेशन और ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (जीकेसी) रोश्नी का पर्व दीवाली किन्नर समाज के लोगों के साथ मिलकर मनाया।
दीदीजी फाउंडेशन और जीकेसी ने राजधानी पटना के गायघाट पुल के नीचे किन्नर समाज के लोगों के साथ दीवाली का पर्व मनाया।इस अवसर पर किन्नर समाज के लोगों को दिवाली गिफ्ट के साथ पटाखे, दीये, मिठाई,मोमबत्ती दिये गये। दीदीजी फाउंडेशन और जीकेसी के पदाधिकारियों ने किन्नर समाज की समस्याओं से जुड़े विषयों पर चर्चा की। किन्नरों ने भी अपनी समस्याओं से जुड़े अनुभव को साझा करते हुए स्वयं को भी समाज की मुख्यधारा से जोड़ने की पहल करने की आवश्यकता जताई।

दीदीजी फाउंडेशन की संस्थापक डा. नम्रता आनंद ने कहा कि हमारे समाज में असमानता है। हमारे समाज में थर्ड जेंडर कहे जाने वाले किन्नर को वह सम्मान नहीं मिल पाता जिसके वह अधिकारी है। समाज में हाशिए पर जिंदगी जी रहे किन्नरों को समाज गंदी और तुच्छ नजरों से देखता है।उन्हें कोई अपने यहां नौकरी देने को तैयार नहीं होता है और उन्हें इसी कारण बधाई और भीख मांगकर अपना गुजारा करना पड़ता है।किन्नर समाज हमेशा से उपेक्षित रहा है। किन्नर समाज को भी मुख्यधारा से जुड़ने का अवसर मिलना चाहिए। शिक्षा के अभाव में किन्नर समाज पिछड़ गया है। किन्नर समाज के बच्चों के लिए भी उच्च शिक्षा की व्यवस्था और नौकरी दी जाए। इसके अलावा किन्नरों को भी सामान्य नागरिक माना जाए।

जीकेसी के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने कहा, किन्नर समाज का ही अंग हैं, फिर भी उन्हें उपेक्षा की दृष्टि से देखा जाता है।किन्नर समुदाय की स्थिति अत्यन्त दयनीय है।देश में किन्नरों को इज्जत नही दी जाती है।किन्नर समाज विकास की इस दौड़ में पीछे रह गया है। किन्नरों को हमेशा समाज से दूर रखा जाता है. जिस कारण वो समाज की मुख्यधारा से नहीं जुड़ पाते है।किन्नर समाज को समाज की मुख्यधारा में शामिल किये जाने की जरूरत है।शिक्षा और संवेदनशीलता से किन्नर समाज को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने में मदद मिलेगी। किन्नर समाज के बच्चों को सामान्य बच्चों के समान वातावरण प्रदान करना समाज की जिम्मेदारी है जिससे किन्नर समाज का आर्थिक,राजनीतिक व सामाजिक दृष्टि से उत्थान संभव हो सके।उन्हें भी आम नागरिकों की तरह जीवनयापन करने, शिक्षा और सरकारी सेवा पाने का हक है।
इस अवसर पर ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस बिहार कला संस्कृति प्रकोष्ठ के अध्यक्ष और दीदी जी फाउंडेशन के सरंक्षक दिवाकर वर्मा, गुरू ललन किन्नर, समाजसेवी भरत कौशिक, शुभम कुमार समेत कई गणमान्य लोग भी उपस्थित थे।

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