दीदीजी फाउंडेशन ने मनाया शहीद दिवस, डा. नम्रता आनंद ने कहा भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव के विचारों को अपनाने की जरूरत
आजादी की लड़ाई में भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता : डा. नम्रता आनंद
पटना, 23 मार्च सामाजिक संगठन दीदीजी फाउंडेशन ने भारत की आजादी की लड़ाई में अहम योगदान निभाने वाले भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को शहीद दिवस पर याद कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।दीदीजी फाउडेशन ने राजधानी पटना के कुरथौल स्थित फुलझड़ी गार्डन स्थित संस्कारशाला में शहीद दिवस मनाया गया। इस अवसर पर लोगों नेभगत सिंह, शिवराम राजगुरु और सुखदेव थापर के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।इनकी शहादत को लोगों ने याद किया।
इस अवसर पर दीदीजी फाउंडेशन की संस्थापिका राष्ट्रीय-राजकीय सम्मान से अंलकृत डा. नम्रता आनंद ने कहा, 200 सालों की गुलामी के बाद भारत ने 1947 में अंग्रेजों से अपनी स्वतंत्रता प्राप्त की थी। लेकिन यह आजादी इतनी आसान थी?आजादी की कीमत के रूप में भारत को एक नहीं दो नहीं बल्कि लाखों कुर्बानियां देनी पड़ी थी। इन कुर्बानियों और वीरों को श्रद्धांजलि देने के लिए भारत शहीद दिवस मनाता है। उन्होंने कहा कि 23 मार्च को तीन स्वतंत्रता सेनानियों भगत सिंह, शिवराम राजगुरु और सुखदेव थापर को अंग्रेजों ने फांसी पर चढ़ा दिया था। इन तीनों क्रांतिकारियों को श्रद्धांजलि देने के लिए भारत 23 मार्च को शहीद दिवस के रूप में मनाता है। उन्होंने कहा कि 23 मार्च ऐतिहासिक दिन है। इसे कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है। इस तीन क्रांतिकारियों ने हंसते-हंसते फांसी को चूमा था। आज समाज और देश को भगत सिंह, शिवराम राजगुरू और सुखदेव थापर के विचारों को अपनाने की जरूरत है।
इस अवसर पर समाजसेवी मिथिलेश सिंह ने कहा कि भगत सिंह के विचार राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता के लिए आज भी प्रासंगिक हैं। उन्होंने उपस्थित सभी लोगों को देश के अमर सपूतों के बलिदान का सदैव स्मरण रखने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव की शहादत ने देश को आजादी की राह दिलाई। युवाओं को ऐसे शहीदों की कहानी सुनानी चाहिए।इस अवसर पर निरंतरा हर्षा, नियति सौम्या, रंजीत ठाकुर, सूरज कुमार, बिट्टू कुमार, राजा कुमार, दीपक कुमार, सौरभ कुमार ,प्रियंका कुमारी, रिया भारती ,जिया भारती ,पवन कुमार ,आर्यन कुमार, सुलेखा कुमारी, अमित कुमार ,सूरज कुमार समेत कई बच्चे एवं महिलाएं उपस्थित थी।