राजनीति से पलायन नहीं उसे अपनाना होगा – राजीव रंजन
- ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस की प्रदेश कार्यसमिति और स्वतंत्रता सेनानी मथुरा दास माथुर एवं गोविन्दलाल माथुर के व्यक्तित्व पर व्याख्यानमाला
जोधपुर: ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस (जीकेसी) की प्रदेश कार्य समिति का आयोजन जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल मार्ग स्थित सर प्रताप विधि महाविद्यालय में किया गया। इसके प्रथम सत्र में संस्था की गतिविधियों और त्रयमासिक प्रतिवेदन पर बैठक आयोजित की गई। वहीं शाम 4ः30 बजे से दूसरे सत्र में आजादी के अमृत महोत्सव अभियान को सार्थक बनाने के लिए स्वतंत्रता सेनानी माथुर दास माथुर और गोविन्दलाल माथुर के व्यक्तित्व पर व्याख्यानमाला का आयोजन हुआ।
प्रथम सत्र को सम्बोधित करते हुए जीकेसी के अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि 20 देशों में बसे कायस्थों को जीकेसी से बहुत उम्मीद है। कायस्थ समाज सभी क्षेत्रो जैसे बौद्धिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक, राजनैतिक विकास में अपनी अहम भूमिका निभाए। कायस्थ समाज को राजनीतिक रूप से एकजुट करने के लिए जीकेसी ने शंखनाद यात्रा और फिर विश्व कायस्थ महासम्मेलन का आयोजन गत वर्ष किया था। इसके साथ ही कोरोना काल में लोगों आर्थिक, सामाजित और मानसिक स्तर को ठीक रखने के लिए भी जीकेसी ने कई कार्यक्रमों का आयोजन किया।
उन्होंने कहा कि कायस्थ समाज विगत 50 वर्ष में राजनीतिक रूप से स्वयं ही हाशिए पर आ गया है। राजनीति से पलायन से उसके प्रतिनिधित्व घटा है। ऐसे में राजनीति रूप से पुष्ट होने के लिए संगठन की शक्ति का प्रदर्शन आवश्यक है। यह हमारी पहचान का संकट है और इससे हमें स्वयं ही निपटना होग। जीकेसी के ग्लोबल महासचिव अनुराग सक्सेना ने कहा कि राजनीतिक रूप से पुष्ट होने के लिए बूथ, वार्ड, क्षेत्र, विधानसभा और संसदीय क्षेत्र में कायस्थों की संख्या के गणित को जानकर उसके माध्यम से रणनीति बनानी होगी। इसके माध्यम से जिस वार्ड, विधानसभा या संसदीय क्षेत्र में कायस्थ ताकतवर हैं, वहां से अपने राजनीतिक अधिकार को मांगना और जीतना दोनों ही करना आज की आवश्यकता है।
वहीं जीकेसी की मुख्य न्यासी रागिनी रंजन, ग्लोबल महासचिव अनुराग सक्सैना, निशिका रंजन एवं राष्ट्रीय संगठन सचिव शुभ्रांशु श्रीवास्तव ने संगठन के उद्देश्यों के विषय में सभी का मार्गदर्शन किया। इस अवसर पर टीम जोधपुर गिरीश माथुर, राजेश श्रीवास्तव, राकेश श्रीवास्तव, सपना वर्मा, आलोक सक्सैना, रचना सक्सैना, अर्जुन, विजेता, परबेन्द्र, राजकुमार सक्सैना, विनीता सक्सेना ने कार्यक्रम का संयोजन और आयोजन किया।
हम सब एक रेल के विभिन्न कोच हैं – डॉ. जगमोहन माथुर
शाम के सत्र में सायं 4ः30 बजे आरम्भ हुई। व्याख्यानमाला में मथुरादास माथुर के कृतित्व में प्रकाश डालते हुए कार्यक्रम संयोजक गिरीश माथुर ने कहा कि मथुरादास माथुर ने अपने कृतित्व से सबके हृदय में स्थान बनाया। उसके समान कोई राजनीतिज्ञ न तो पूर्व में आया था और न ही आज है। जयप्रकाश नारायण के सहयोग देने की आशंका से इन्दिरा गांधी ने इमरजेंसी के दौरान मथुरादास माथुर को नजरबंद कर दिया था। इसके बाद मथुरादास माथुर ने कभी कांग्रेस का रूख नहीं किया।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. जगमोहन माथुर ने कहा कि मथुरादास माथुर को राजनीति विरासत में नहीं मिली थी। उन्होंने राजनीति का स्वच्छता और स्वतंत्रता से जिया। विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता ने एक कार्यक्रम में जब उनसे राजनीति के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि हम सब एक रेल के विभिन्न कोच हैं, जो एक ही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, वह है राष्ट्र विकास की दिशा। मनोविनोदी प्रवृत्ति के मथुरादास विपक्ष के लिए हमेशा चुनौती रहे। उन्होंने 36 कौमों का समर्थन मिला और उनका कार्यक्षेत्र नागौर रहा। वहीं गोविन्दलाल माथुर पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि वे जोधपुर के पहले कलेक्टर और स्वतंत्रता सैनानी थे। उन्होंने आधुनिक जोधपुर की नींव रखी।