डॉक्टर सैमुअल का योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता: अखिल नारायण सिंह
प्रतापगढ़: होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति के जनक डॉक्टर सैमुएल हेनीमैन की २६९ वी जयंती चिलबिला स्थित दिलराज निकेतन में मनाई गई।
वरिष्ठ साहित्यकार एवं सृजना संस्था के संस्थापक डॉक्टर दया राम मौर्य रत्न की अध्यक्षता में एवं अम्मा साहेब ट्रस्ट के संस्थापक आनन्द मोहन ओझा की उपाध्यक्षता में हुई इस गोष्ठी को अखिल नारायण सिंह सम्पादक न्यूज़ स्टैंडर्ड एवं पत्रकार सुमन हिंदी समाचार पत्र एवं एन यू जे आई के जिला अध्यक्ष ने बतौर मुख्य अतिथि कहा कि डॉक्टर सैमुअल के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता।
उन्होंने कहा कि यह चिकित्सा पद्धति गरीबों और कमजोरों के लिए वरदान स्वरुप है। गोष्ठी अध्यक्ष ने होमियोपैथी को संसार की सबसे अच्छी एवम सस्ती चिकित्सा विधा बताया तो कार्यक्रम के उपाध्यक्ष पण्डित आनन्द मोहन ओझा ने इस पद्धति को आम आदमी के लिए रामबाण के रूप में निरूपित किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ माता सरस्वती, डॉक्टर सैमुअल हेनिमैन एवं बाबू राम करन सिंह के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। डॉ. हरिकेश बहादुर सिंह नेअतिथियों के प्रति आभार ज्ञापित किया। कार्य क्रम का संचालन डॉ.प्रतीक सिंह ने किया। कार्यक्रम को डॉ.चंद्रेश बहादुर सिंह ध्रुव,धर्मेन्द्र कुमार सिंह एवं पंकज सरोज व श्रीराम आदि ने संबोधित किया।