बिहार में भीषण गर्मी की वजह से कई स्कूल के बच्चे बीमार, तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार को कहा…
बिहार में बेतहाशा गर्मी का असर देखा जा रहा है और दक्षिण बिहार के अधिकांश जिलों का तापमान 44 डिग्री से 47 डिग्री के बीच अभी है । बिहार के सभी निजी स्कूलों में गर्मी की छुट्टी तो दे दी गई है, लेकिन शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के फरमान पर बिहार के सभी सरकारी स्कूल खुले हुए हैं । शिक्षक सहित छात्र-छात्राओं को भी स्कूल जाना मजबूरी है । ऐसे में आज (29 मई) शेखपुरा और बेगूसराय में दर्जनों छात्र-छात्रा स्कूल में ही बेहोश हो गए । इस पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक सहित मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी हमला बोला है ।
तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में लोकतंत्र नहीं रह गया है । सरकार नहीं रह गई है, केवल ब्यूरोक्रेसी रह गई है । अफसरशाही चरम सीमा पर है । उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की बात के बाद भी स्कूल की टाइमिंग को लेकर नहीं सुनी जाती है । आप समझ जाइए क्या स्थिति है? मुख्यमंत्री इतना कमजोर क्यों हो गए हैं?
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बिहार में 47 डिग्री तापमान है । इस हिसाब से जो छोटे बच्चे हैं उनके रिलैक्सेशन का ध्यान लोगों को देना चाहिए । यह तो कोई भी एडवाइस करता है । डॉक्टर भी कहते हैं । बिहार के स्कूलों का इंफ्रास्ट्रक्चरउस उस हिसाब का नहीं है, ताकि बच्चे स्कूल जाएंगे तो सुरक्षित रहेंगे । वह भी देखने वाली बात है । इस हालत में मुख्यमंत्री तो कुछ नहीं कर पा रहे हैं । साफ दिख रहा है मुख्यमंत्री को लोगों ने घेर रखा है और उनके हाथ में कुछ नहीं है ।
आपको बता दें कि सरकारी संचालित सभी प्राइमरी स्कूल, मध्य विद्यालय और हाई स्कूल का अभी सुबह 6:00 बजे से दोपहर 12:00 तक की पढ़ाई की टाइमिंग है । जबकि डेढ़ बजे तक शिक्षक को रहना है । इस डेढ़ घंटे में शिक्षकों को मध्य विद्यालय से नीचे वाले स्कूलों में कमजोर बच्चों को पढ़ाने की अनिवार्यता है । जबकि हाई स्कूल में विशेष क्लास लेने की अनिवार्यता की गई है । बिहार सरकार ने स्कूल में गर्मी की छुट्टी 15 अप्रैल से 15 मई तक की थी, लेकिन अब जब विशेष गर्मी होने लगी है तो छुट्टी नहीं मिली है ।
वहीं, स्कूल की टाइमिंग को लेकर केके पाठक पहले भी विवाद में रह चुके हैं. इस पर विधानसभा में जमकर हंगामा भी हुआ था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आदेश दिया था कि स्कूल की टाइमिंग में बदलाव करने के लिए, लेकिन केके पाठक अपने जिद्द पर अड़े रहे और इस जिद्द में वह अब भीषण गर्मी में भी स्कूल का संचालन करवा रहे हैं. अब इस पर एक बार फिर राजनीति शुरू हो गई है.