आर्थिक सर्वेक्षण: 2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था की तेज होगी रफ्तार, जीडीपी ग्रोथ 11% होने का अनुमान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में आज आर्थिक सर्वेक्षण 2021 पेश कर दिया है और इसे आज मुख्य आर्थिक सलाहकार के.वी. सुब्रमण्यन ने आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 लॉन्च किया। इकोनॉमिक सर्वे में जीडीपी ग्रोथ चीन से भी ज्यादा रहने का अनुमान है। इस सर्वेक्षण से कोरोना संकट के दौरान देश की अर्थव्यवस्था की तस्वीर सामने आ गई है। चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी का अनुमान -7.7 फीसद लगाया गया है।
आर्थिक सर्वेक्षण में अगले वित्त वर्ष के लिए जीडीपी ग्रोथ का अनुमान इसलिए भी मायने रखता है, क्योंकि इससे जानकारी मिलती है कि सरकार को किस रफ्तार से अर्थव्यवस्था के दुरुस्त होने की उम्मीद है। सर्वे में भारतीय अर्थव्यवस्थाका रोडमैप भी है तो 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनने के लिए कई बातों पर विशेष ध्यान दिया गया है। आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21, मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति वेंकट सुब्रमण्यन के नेतृत्व में एक टीम द्वारा तैयार किया गया है, जो अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों की स्थिति के साथ-साथ सुधारों का वर्णन करता है जो विकास को गति देने के लिए किए जाने चाहिए।
कोनॉमिक सर्वे की कुछ खास बातें…
- वित्त वर्ष 2021-22 में जीडीपी में पॉजीटिव रहने की संभावना है। वित्त वर्ष 2020-21 में सेवा और विनिर्माण क्षेत्र निगेटिव रहा है। वहीं वित्त वर्ष 2022 में रियल जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 11 फीसद पर रखा गया है जबकि नॉमिनल जीडीपी का अनुमान 15.4 फीसद है। वहीं अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का भी कहना है कि 2021 में भारत की अर्थव्यवस्था 11.5 फीसद रहेगी और 2022 में यह 6.8 फसदी के आसपास रहेगी.
- अगले वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था में पूरी रिकवरी देखने को मिलेगी।
- कोरोना महामारी की वजह से पटरी से उतरी अर्थव्यवस्था अब रफ्तार पकड़ रही है। भारत में वी आकार की रिकवरी देखने को मिली है।
- निवेश बढ़ाने वाले कदमों पर जोर रहेगा. ब्याज दर कम होने से बिजनेस एक्टिविटी बढ़ेगी। इसमें बताया गया कि कोरोना वैक्सीन से महामारी पर काबू पाना संभव है और आगे इकोनॉमिक रिकवरी के लिए ठोस कदम उठाए जाने की उम्मीद है।
- सर्वेक्षण में लिखा गया, ‘भारत की सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग्स फंडामेन्टल्स के बारे में जानकारी नहीं देते हैं। इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ कि दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को BBB- की रेटिंग मिली हो। भारत की वित्तीय नीति का फंडामेंटल मजबूत है। भारत का फॉरेक्स रिज़र्व 2.8 स्टैंडर्ड डिविएशन को कवर करने में सक्षम है। यह महत्वपूर्ण है कि सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग मेथोडोलॉजी को पारदर्शी बनाया जाएगा।’
- 23 दिसंबर 2020 तक भारत सरकार ने 41,061 स्टार्टअप्स को मान्यता दी है। देशभर में 39,000 से ज्यादा स्टार्टअप्स के जरिए 4,70,000 लोगों को रोजगार मिला है। 1 दिसंबर 2020 तक SIDBI ने सेबी के पास रजिस्टर्ड 60 अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड्स को 4,326.95 करोड़ रुपये देने की प्रतिबद्धता जताई है।