हिमंत बिस्व सरमा के चुनाव प्रचार पर चुनाव आयोग ने 48 घंटे की रोक लगा दी

 हिमंत बिस्व सरमा के चुनाव प्रचार पर चुनाव आयोग ने 48 घंटे की रोक लगा दी

असम में मतदान से पहले भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और असम सरकार के सबसे ताकतवर मंत्री हिमंत बिस्व सरमा के चुनाव प्रचार पर चुनाव आयोग ने 48 घंटे की रोक लगा दी है। चुनाव आयोग के इस फैसले को हिमंत ने चुनौती दी है और गुवाहाटी हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। बता दें कि बीपीएफ अध्यक्ष हग्रामा मोहिलारी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियों के मामले में उन पर एक्शन लिया गया है। कांग्रेस ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी।

चुनाव आयोग के आदेश के अनुसार, ‘आयोग हिमंत बिस्व सरमा के बयानों की कड़ी निंदा करता है। आयोग दो अप्रैल (शुक्रवार) को तत्काल प्रभाव से 48 घंटे के लिए उनके कोई सार्वजनिक सभा करने, सार्वजनिक जुलूस निकालने, रैलियां करने, रोडशो, साक्षात्कार देने और मीडिया में सार्वजनिक बयान देने पर रोक लगाता है।’

कांग्रेस ने आयोग से सरमा के बयान को लेकर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। सरमा ने कहा था कि अगर मोहिलारी विद्रोही नेता एम बाथा के साथ उग्रवाद को बढ़ावा देते हैं तो केंद्रीय जांच एजेंसी एनआईए के माध्यम से उन्हें जेल भेजा जाएगा। बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट असम में कांग्रेस का सहयोगी दल है। पहले यह दल भाजपा के साथ था।

असम में दो चरण के मतदान हो चुके हैं जबकि 40 सीटों पर तीसरे चरण का मतदान 6 अप्रैल को होगा। पहले चरण के चुनाव में 27 मार्च को 47 सीटों पर करीब 79.97 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जबकि दूसरे चरण में बृहस्पतिवार को 39 सीटों पर मतदान हुआ। नतीजे 2 मई को आएंगे।

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