आजादी के अमृत महोत्सव पर आयोजित काव्य संगोष्ठी में प्रतिष्ठित कवियों ने प्रस्तुत की राष्ट्रभावना से ओतप्रोत रचनाएँ

 आजादी के अमृत महोत्सव पर आयोजित काव्य संगोष्ठी में प्रतिष्ठित कवियों ने प्रस्तुत की राष्ट्रभावना से ओतप्रोत रचनाएँ

आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर पटना के प्रेमचंद रंगशाला में भव्य साहित्य व काव्य संगोष्ठी का आयोजन हुआ। कविवर गोपालसिंह नेपाली फाउंडेशन द्वारा आयोजित साहित्य व काव्य संगोष्ठी में अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवि और साहित्यकार डॉ कासिम खुर्शीद, दिल्ली से आईँ प्रतिष्ठित कवयित्री रेणु हुसैन, डॉ. वीणा अमृत, डॉ. भावना शेखर, डॉ. सविता सिंह नेपाली, डॉ. रुबी भूषण, समीर परिमल व अऩ्य मौजूद रहे। डॉ. पूर्णिमा शेखर सिंह की अध्यक्षता में हुई काव्य संगोष्ठी का शुभारंभ बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन, बिहार के पुलिस महानिदेशक आलोक राज, जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन, दूरदर्शन के कार्यक्रम प्रमुख डॉ. राजकुमार नाहर व प्रख्यात साहित्यकारों ने किया।

काव्य संगोष्ठी में प्रतिष्ठित कवियों ने अपनी बेहतरीन रचनाएं प्रस्तुत की और दर्शकों का दिल जीता। वरिष्ठ और अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त डॉ. कासिम खुर्शीद ने अपनी कविताओं से समां बांधा तो दिल्ली से आईँ कवयित्री रेणु हुसैन ने अपनी रचनाओँ और प्रस्तुति से दर्शकों को भाव विभोर कर दिया। डॉ. वीणा अमृत, डॉ. भावना शेखर, डॉ. सविता सिंह नेपाली, डॉ. रुबी भूषण, समीर परिमल की भी प्रस्तुति दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने वाली रही। साहित्य और काव्य संगोष्ठी कार्यक्रम के लिए कवि नीलांशु रंजन ने मुंबई से शिरकत की तो डॉ. सुशील साहिल झारखंड से पहुंचे।

बेतिया से पहुंचे कवि डॉ. गोरख मस्ताना ने कविवर गोपाल सिंह नेपाली की भूमि चंपारण का प्रतिनिधित्व किया तो डॉ मंगला रानी सिंह, ज्योति स्पर्श, डॉ. रुबी भूषण, प्रशासन से रिटायर डॉ. अनिल कुमार सिंह समेत अऩ्य सभी कवियों ने मर्म स्पर्शी रचनाओँ की प्रस्तुति से दर्शकों को मुग्ध कर दिया। इस संगोष्ठी में हिस्सा लेने वाले अन्य प्रमुख कवि, साहित्यकार और लेखक रहे – डॉ शिवनारायण, डॉ. अनीता राकेश, डॉ अरुण भगत और डॉक्टर सफदर ईमाम कादरी।

बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन की पत्नी, प्रतिष्ठित लेखिका और कवयित्री रेणु हुसैन काव्य संगोष्ठी में छाईं रहीं। आजादी के अमृत महोत्सव को समर्पित राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत उनकी कविताओँ पर दर्शकों ने खूब तालियां बजाकर उनकी हौसला आफजाई की।पटना के प्रेमचंद रंगशाला में आयोजित संगोष्ठी में भारत की आजादी के बाद साहित्य का उत्तरोत्तर विकास कितना और कैसे हुआ – इस विषय पर सारगर्भित व्याख्यान हुए जिसमें विशेष वक्ता के तौर पर डॉ. शिवनारायण, डॉ. अनीता राकेश, डॉ. अरुण भगत और डॉ. सफदर ईमाम कादरी ने हिस्सा लिया।

देश की आजादी के 75वें वर्ष को पूरे देश में आजादी के अमृत महोत्सव के रुप में मनाया जा रहा है। पटना में हुई साहित्य और काव्य संगोष्ठी ने काव्य व अन्य प्रस्तुति से राष्टप्रेम के भाव को बढ़ाने में योगदान दिया।

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