मोतिहारी व सीतामढ़ी में हो रही थी नकली नोटों की छपाई; 9 अरेस्ट
मुज़फ़्फ़रपुर पुलिस ने नकली नोट छपाई करने वाले अंतरराष्ट्रीय रैकेट का भंडाफोड़ कर दिया है। उक्त रैकेट पति-पत्नी व रिश्तेदार मिलकर चला रहे थे। इसके लिए नेपाल से छपाई वाली कागज मंगवाई जा रही थी। जबकि, मोतिहारी व सीतामढ़ी में उसे बड़े पैमाने पर छापा जा रहा था, जिसको मुज़फ़्फ़रपुर में खपाने की तैयारी थी। इसे अब पुलिस ने नाकामयाब कर दिया है।
इनके पास से 7.50 लाख की नकली 100 की नोट, जिसमें 75 बंडल हैं। वहीं, 50 हजार के असली नोट, 8 मोबाइल व एक स्कॉर्पियो जब्त की गई है। मामले में सिटी एसपी राजेश कुमार ने सोमवार शाम प्रेस वार्ता कर बताया कि जिले के बैंक, बाजारों व दुकानों से नकली नोट की काफी शिकायतें SSP जयंतकांत को मिलने लगी थी। इसी बीच गुप्त सूचना मिली कि नकली नोट खपाने वाला एक गिरोह लक्ज़री वाहन से मुज़फ़्फ़रपुर जिला में आने वाला है।
सूचना के आधार पर छापेमारी की गई। इसी दौरान वाहन में सवार पति-पत्नी व ड्राइवर को पकड़ा गया। इनकी तलाशी में एक लाख का नकली नोट बरामद किया गया। कड़ाई से पूछताछ की गई। तब जाकर इनके बड़े नेटवर्क का पता चला। फिर, पूछताछ के आधार पर मोतिहारी व सीतामढ़ी में छापेमारी कर महिला समेत 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया।
इनमें मुख्य सरगना पूर्वी चंपारण के पताही थाना के अंतर्गत रतन शायर गांव निवासी अजय महतो व उसकी पत्नी सुनीता देवी, मधु रंजन कुमार, चितरंजन कुमार, राकेश महतो, राजा कुमार, पूर्वी चंपारण के पताही थाना अंतर्गत बड़ा शंकर गोलू सिंह, पकड़ीदयाल थाना अंतर्गत शेखपुरवा बाजार निवासी मनोज कुमार और मुजफ्फरपुर जिला के गायघाट थाना क्षेत्र अंतर्गत रामनगर गांव निवासी मनजीत कुमार सिंह शामिल हैं।
पंचायत चुनाव को प्रभावित करने की ओर जांच में जुटी पुलिस
पुलिस पूछताछ में भी धंधेबाज़ों ने इसे स्वीकार किया है। पुलिस के अनुसार जांच में पता चला है कि जब्त नकली नोटों को आगामी पंचायत चुनाव के साथ-साथ शराब माफियाओं द्वारा प्रयोग किया जाना था। साथ ही बताया गया कि सरगना अजय महतो खुद से नकली नोटों की छपाई करता था और सीतामढ़ी के मेजरगंज के रिश्तेदार से भी करवाता था। फिर, उक्त नोटों को बाजार में सप्लाई करता था। 50 हजार असली नोट लेकर वह करीब 1 लाख के नकली नोट धंधेबाजों को देता था, जिससे आमलोगों को आसानी से चूना लगाया जा सके।