शरद ऋतू के आते ही पावापुरी जलमंदिर तालाब में पहुंचे विदेशी परिंदे

 शरद ऋतू के आते ही  पावापुरी जलमंदिर तालाब में पहुंचे विदेशी परिंदे

कोरोना संक्रमन की वजह से दुनिया भर के देशों ने अपनी अपनी सरहद को बंद रखा है | लेकिन आसमान में उड़ते परिंदे इन सब से मुक्त हैं | शरद ऋतू आते ही प्रदम सरोवर अपना बसेरा बना लेते हैं | फरवरी – मार्च तक अपने देश वापस चले जाते हैं | वैज्ञानिक का कहना है कि शरद ऋतू में आने वाले परिंदे से इन दिनों गुलज़ार है |पावापुरी का सरोवर इनकी आगमन से जब मंदिर का यह तालाब शोभायान हो रहा है |

साइबेरियन क्रेन लगभग दस हज़ार किलोमीटर का सफ़र तय कर के रूस के निकट साइबेरिया से पहुँचते है और भारत में आकर सर्दी गुज़रते हैं | लाजवाब होता है इनका दिशा ज्ञान सामान्य से दिखने वाले ये पक्षी संवेदनशील फुर्तीले और तेज दिमाग के होते हैं | इसलिए हर साल अपने निर्धारित स्थानों पर आ जाते हैं , ये करीब 6 महीने बाहर बिताते हैं लेकिन जब ये अपने घर लौटते हैं तब वही अंडे देते हैं |  

संवादाता नीता सिंह

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