बिहार में अब एडमिशन रद्द कराने पर वापस की जाएगी पूरी फीस, जानें कैसे ?
अभी कई यूनिवर्सिटीज में यूजी, पीजी सहित अन्य कोर्सेज में प्रवेश शुरू हो गए हैं। वहीं, कई यूनिवर्सिटीज की तरफ से अभी सीयूईटी यूजी-पीजी रिजल्ट जारी करने के बाद एडमिशन शुरू किया जाएगा। क्योंकि इन यूनिवर्सिटीज में सीयूईटी यूजी-पीजी के स्कोर के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा। एडमिशन के दौरान अक्सर देखा जाता है कि कई विवि या फिर कॉलेज यूजीसी की गाइडलाइंस को ताक पर रखकर एडमिशन कैंसिल कराने पर स्टूडेंट्स की फीस नहीं वापस करते हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, क्योंकि यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों को इस संबंध में नया निर्देश जारी किया है।
मामलूम हो कि यूजीसी की तरफ से एक निर्देश जारी किया गया है। जिसमें कहा गया है कि यदि छात्र 30 सितंबर तक एडमिशन रद्द करते हैं या वापस लेते हैं तो उन्हें फीस की पूरी रकम वापस की जानी चाहिए। वहीं, 31 अक्टूबर तक इनरोलमेंट वापस लेने वालों के लिए प्रोसेसिंग फीस के रूप में 1,000 रुपये से अधिक की कटौती नहीं की जानी चाहिए। यूजीसी की तरफ से यह सर्कुलेशन अभिभावकों और स्टूडेंट्स से मिली शिकायतों के बाद जारी किया गया है।
आपको बता दें एडमिशन की औपचारिक रूप से अधिसूचित समय सीमा से 15 दिन या अधिक पहले प्रवेश कैंसिल कराने पर 100 प्रतिशत फीस वापस होगी। 90 प्रतिशत: प्रवेश की औपचारिक रूप से अधिसूचित अंतिम तिथि से 15 दिन से पहले। 80 प्रतिशत: प्रवेश की औपचारिक रूप से अधिसूचित अंतिम तिथि के 15 दिन या उससे कम। 50 प्रतिशत: 30 दिन या उससे कम, लेकिन प्रवेश की औपचारिक रूप से अधिसूचित समय सीमा के 15 दिन से अधिक। 0 प्रतिशत: प्रवेश की औपचारिक रूप से अधिसूचित समय सीमा के 30 दिन से अधिक। छात्रों को अपने प्रवेश को एक संस्थान से दूसरे संस्थान में स्थानांतरित करने में सुविधा प्रदान करने के लिए यूजीसी द्वारा फीस वापसी और मूल प्रमाणपत्रों को न रखने का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा यूजीसी ने शैक्षणिक वर्ष 2023-24 में प्रवेश वापस लेने वाले छात्रों की किसी भी शिकायत का निवारण करने के लिए एचईआई को निर्देश दिया है।