17 वें अयोध्या फ़िल्म फेस्टिवल में देश विदेश के कलाकारों का जमावड़ा,अवार्ड सेरेमनी के साथ फेस्टिवल का समापन

 17 वें अयोध्या फ़िल्म फेस्टिवल में देश विदेश के कलाकारों का जमावड़ा,अवार्ड सेरेमनी के साथ फेस्टिवल का समापन

फ़िल्म ‘मंडली’ और डॉक्यूमेंट्री’ बिसाऊ की मूक रामलीला’ को अवार्ड

अयोध्या: 17 वें अयोध्या फ़िल्म फेस्टिवल का रविवार को कई फिल्मों के प्रदर्शन और अवार्ड सेरेमनी के साथ समापन हो गया। शहीदों और सांझी विरासत को समर्पित ’अवाम का सिनेमा’ के जरिये शहर में देश विदेश की चुनिंदा फिल्मों का मेला इसी के साथ अगले वर्ष भी सजाने के वादे संग समाप्त हो गया।

अध्यक्षता कर रहे डॉ चन्द्र प्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि फ़िल्म उद्योग से जुड़े लोगों का अयोध्या में आना सुखद है। यह सौभाग्य अयोध्या का भी है कि जिन सितारों को लोग देखना चाहते हैं उनमें से तमाम चेहरे यहां मौजूद हैं। फ़िल्म सिटी प्रदेश में बन रही है मगर अयोध्या में भी आपके सहयोग से एक फ़िल्म सिटी यकीनन यहां भी स्थापित होगी। जितने निर्माता निर्देशक हैं वह आने वाले दिनों में यकीनन यहां आएंगे और युवा प्रतिभाओं से मुखातिब होंगे। यहां की प्रतिभाएं देश मे जिले का नाम रोशन करेंगी।

विशेष सचिव आईएएस डॉ. हीरालाल ने कहा कि फिल्में संस्कृति को भी आगे बढ़ाती हैं। संस्कृतियों का संरक्षण हो या आपसी संवाद को गति देने के साथ ही स्थानीय मेधाओ को आगे ले जाने का मौका यह मंच देता है। इसके साथ ही कारोबार बढ़ेगा तो इसका फायदा आने वाली पीढ़ियों को और युवाओं को भी मिलेगा। सिनेमा का सरोकारी स्वरूप साहित्यिक है और निराकरण को भी दिखाए तो फिल्मों में जन अभिरुचि भी बढ़ेगी। स्थानीय ग्रामीण समाज को आगे ले जाने के लिए भी सिनेमा के पास मुद्दे तमाम हैं। इससे ग्रामीण विकास की संभावनाएं भी कम नहीं हैं।

बेस्ट डॉक्यूमेंट्री बिसऊ की मूक रामलीला, बेस्ट फीचर फिल्म – नवरस कथा कोलाज, बेस्ट फीचर फिल्म – मंडली, बेस्ट एक्सपेरिमेंटल फ़िल्म – मैला और वायरल प्रपंचम, बेस्ट चिल्ड्रेन फ़िल्म – बाल नरेन, चिड़ियाखाना, बेस्ट डायरेक्टर – सत्यशोधक के लिए नीलेश जालमकर और चल जिंदगी के लिए विवेक शर्मा को, बेस्ट डेब्यू डायरेक्टर – मीर सरवर को बेड नम्बर – 17 के लिए, मीर निमेष दुबे को जिंदगी कश्मकश के लिए। वहीं बेड नम्बर 17 के लिए बेस्ट एक्टर ऋषि भूटानी को तो बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर बृजेन्द्र काला को कृपया ध्यान दें के लिए मिला। बेस्ट स्टोरी – आदित्य वर्मा ला वास्ते, बेस्ट शार्ट फ़िल्म – रैट इन द किचन, बेस्ट एक्सपेरिमेंटल फ़िल्म – वैन गोघ, गुड बाई फॉरएवर, बेस्ट मोबाइल फ़िल्म – लिब्रा, बेस्ट एक्टर स्पेशल मेंशन रुद्र प्रताप ओझा को अगत्स्य के लिए, बेस्ट डॉक्यूमेंट्री स्पेशल मेंशन – वृंदावन द लुमेन सैंक्चुअरी के अलावा अन्य कई पुरस्कार ज्यूरी द्वारा दिये गए।

इस मौके पर ऑस्ट्रेलिया के अभिनेता चार्ल्स थॉमसन और ईरानी अभिनेत्री व कला निर्देशक सना नोरुजबीगी के अलावा भव्य शाह, वैभव भट्ट, बृजेश टांगी, लवलेश खनेजा, आदित्य वर्मा, मुकेश कुमार, ज्ञानेश पांडेय, नीरज भसीन आदि मौजूद रहे। रविवार को दिखाई गई फिल्में : गठबंधन, कान्हाजी, बीड्स ऑफ ब्रेथ, बेड नं. 17, हितनेचा आम्बा, वेव लेंथ, यू कम्प्लीट मी, साधू, लिब्रा, द सेफ, एंटर द रूम, एमोर, कनेक्शन क्या है, रंग, ईवइ द रिपल, एस्केपिंग, मैला, तमाशबीन, डायसाबिलिटी, अगस्त्य, सूर्या, डेड बींग्स और द कनेक्शन आदि फिल्में दिखाई गईं। साथ ही जनार्दन पांडे, डॉ मोहनदास, डॉ. शाह आलम राना, अभिषेक शर्मा, अंतरिक्ष श्रीवास्तव, लव पाठक, आशीष अग्रवाल, मुकेश वर्मा, आदिल खान, धर्मेंद्र वर्मा, अमित सिंह, आदित्य प्रताप मल्ल, प्रिंसिपल गुरुनानक कॉलेज की मौजूदगी रही वहीं अंकिता पाठक, सुप्रिया श्रीवास्तव, प्रिंसी, पूजा मिश्रा, रिजवान, विद्यालय के बच्चों ने रंगोली बनाई। गुरुनानक प्रबंध कमेटी के प्रबंधक राजेन्द्र सिंह छाबड़ा, सचिव प्रतिपाल सिंह पाली, सीईओ मनदीप सिंह ऋषि।

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