गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय आगामी सत्र 2024-25 के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू
ग्रेटर नोएडा:गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय की स्थापना उत्तर प्रदेश गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय अधिनियम, 2002 के तहत 2002 में की गई थी, जिसका उद्देश्य उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान करने के साथ व्यक्ति का सर्वांगीण विकास करना है। यह विश्वविद्यालय गौतम बुद्ध के नाम पर है, जो शांति, करुणा, और बुद्ध के सिद्धांतों को समावेश करते हुये शिक्षा प्रदान कर रहा है। विश्वविद्यालय द्वारा आधिकारिक रूप से छात्रों के लिए 2008 के शैक्षिक सत्र से शिक्षा प्रदान करने की शुरुआत की गई।
विगत वर्षों में, गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय ने अपने शैक्षिक कार्यकलापों से उल्लेखनीय वृद्धि और विविधता का प्रदर्शन किया है। प्रारंभिक एमबीए कार्यक्रम से लेकर, विश्वविद्यालय में लगभग 150+ से अधिक कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं जैसे इंजीनियरिंग, प्रबंधन, जैव प्रौद्योगिकी, बौद्ध अध्ययन और सभ्यता, मानविकी और सामाजिक विज्ञान, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी, विधि न्याय एवं शासन, और व्यावसायिक अध्ययन, अनुप्रयुक्त विज्ञान, आदि है। विश्वविद्यालय के सभी पाठ्यक्रम छात्रों को एक समग्र और उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान करने के लिए तैयार किए गए हैं ताकि अंत:विषयक शैक्षणिक दृष्टिकोण को बढ़ावा दिया जा सके। जीबीयू शैक्षिक प्रगति और उत्कृष्टता के क्षेत्र में दिल्ली (NCR) में शोध एवं अनुसंधान का एक गतिशील केंद्र के रूप में उभरा है। गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय शोध और नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देने के प्रति प्रतिबद्ध है। विश्वविद्यालय शिक्षकों और छात्रों को अलग-अलग क्षेत्रों में उन्नत शोध एवं अनुसंधान में रुचि के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। इस शैक्षिक उत्कृष्टता के प्रति प्रतिबद्धता ने जीबीयू को एक नवाचार और ज्ञान सृजन के केंद्र के रूप में स्थापित किया है।
गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस – एआई) केंद्र समाजिक चुनौतियों का सामना करने, आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने और अगली पीढ़ी के नवाचारकों और मेधावी छात्रों को सशक्त बनाने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता की शक्ति का उपयोग करने को संकल्पित है। गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में एआई केंद्र की स्थापना नवाचार द्वारा विकास को बढ़ावा देने और उत्तर प्रदेश को भारत ही नहीं बल्कि वैश्विक एआई परिदृश्य में अग्रणी बनाने के व्यापक दृष्टिकोण के साथ मेल खाती है। जीबीयू का एआइ केंद्र बदलती वैश्विक परिवेश में विभिन्न क्षेत्रों में नई संभावनाओं को शुरू करने एवं समझौतों द्वारा समस्याओं का समाधान करने के लिए एक संयोजन के रूप में कार्य करेगी, जिसके अंतर्गत शैक्षणिक, उद्योग और सरकार से विशेषज्ञों को एक मंच प्रदान करेगी।
गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय आगामी सत्र 2024-25 के लिए नामांकन की प्रक्रिया आज से प्रारंभ हो रही है और विश्वविद्यालय में अपनी पसंद के पाठ्यक्रम में नामांकन हेतु इच्छुक छात्रों को 16 नए पाठ्यक्रमों के साथ कुल 155 पाठ्यक्रमों प्रस्तुत कर रहा है, जिसमें कई नवाचार के नए विषयों को समाहित किया गया है। सभी पाठ्यक्रमों को इस उद्देश्य के साथ तैयार किया गया है ताकि उद्योग और शैक्षणिक संस्थानों के बीच की दूरी को कम किया जा सके। विश्वविद्यालय ने ऐआइ, आईटी, कंप्युटर, इलेक्ट्रॉनिक कम्यूनिकेशन, सिविल, मेकैनिकल एवं इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, बौद्ध अध्ययन, अनुप्रयुक्त विज्ञान, जैव प्रौद्योगिकी, प्रबंधन, मानविकी और सामाजिक विज्ञान, और विधि न्याय और शासन के क्षेत्र में नवाचारी क्षेत्रों में कई डिग्री, डिप्लोमा और प्रमाण पत्र को तैयार किये हैं साथ ही बी.ए. / बी.एससी. / एम.ए. / एम.एससी. / बी.ए. बी.एड. / बी.कॉम. बी.एड. / बी.एससी. बी.एड., बी. टेक. / एम. टेक. / आदि जैसे पारंपरिक पाठयक्रम प्रस्तावित है।
विश्वविद्यालय का समग्र प्रयास शिक्षा-शिक्षण और शोध में गुणवत्ता और नवाचार को बढ़ावा देना है। विश्वविद्यालय का उद्देश्य है कि हम अपने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को शिक्षण में समाहित करें और विश्वविद्यालय के छात्रों के व्यवहार और आचरण में नैतिकता और मूल्यों को स्थापित करने का प्रयास करें। उपर्युक्त पाठ्यक्रमों में शिक्षण के लिये संबंधित क्षेत्र के प्रख्यात भारतीय शिक्षकों के साथ विदेशी शिक्षकों द्वारा विश्वविद्यालय में क्लास रूम अथवा ऑनलाइन शिक्षण व्यवस्था है ताकि छात्रों को उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान की जा सके।