गाजियाबाद: 30 साल से अधिक पुराने आशियानों पर चला बुलडोजर
गाजियाबाद में विवेकानन्द नगर के पास रेलवे लाइन से लगे कम से कम 30 साल पुराने आशियानो पर चला बुलडोजर सुबह जैसे ही झुग्गी झोंपड़ी तथा अस्थायी आशियानों में लोगो के अपने काम पर जाने की तैयारी की तभी सरकार के बुलडोजर धडधडा कर पहुंच गये और देखते ही देखते सारी बस्ती ध्वस्त कर दी गई , जहां तक हमें पता है यह एरिया बुलन्दशहर रोड इन्डस्ट्रीयल एरिया में लगता है और ज्यादातर लोगों के बोटर आई डी लिस्ट में नाम दर्ज हैं और लगातार ये बोट डालते आ रहे थे , लोगों के पास राशन कार्ड आदि भी हैं , और जैसा कि उपर लिखा है कम से कम 30 साल से अधिक से लोग यहां रहकर अपना काम कर रहे थे I
वही कुछ लोग पास में फैक्ट्रियों में काम करते हैं तो कुछो ने वही परचून आदि की छोटी मोटी दुकाने खोल रखी हैं तथा खाने के छोटे मोटे होटल खोलकर अपना जीवन यापन कर रहे थे , लेकिन देखते ही देखते सब कुछ खत्म हो गया , जैसे तैसे लोग अपना सामान बचा पायें , फिर भी जिनके पास आदमी नही थे उनका तो सामान भी मलवे में दव गया , सरकार को चाहिए था कि पहले अस्थाई टैन्ट इन लोगों को कुछ दिन के लिए कहीं देकर , उसके बाद आशियाने खाली करकर कार्यवाही करनी चाहिए थी I
बता दें कि अभी सर्दियों का समय है सभी के साथ छोटे छोटे बच्चे हैं दिन तो किसी तरह सामान बचाने में निकल जायेगा , लेकिन बगैर उपर छत के सर्दियों की रात कैसे कटेगी , एक तरफ सरकार गरीबों को मुफ्त मकान दे रही है दूसरी तरफ अस्थाई आशियानों को उजाडकर गरीबों को सडक पर लाकर छोड रही है , आखिर वो कौन से गरीब हैं जिन्हें आशियाने बनाकर दिये जा रहे हैं , इन गरीबों को क्या प्रधानमंत्री आवास योजन या मुख्यमन्त्री आवास योजना में मकान मिल पायेंगे , सरकार इनके विषय में सोंचती तो पहले इन्हे आवास देती और उसके बाद इन्हे ध्वस्त करती I