कायस्थों के प्रति उदासीन रवैये को समाप्त करने के लिए कालबद्ध कार्यक्रम चलायेगा जीकेसी : कमल किशोर
- अगले वर्ष नई दिल्ली के रामलीला मैदान में कायस्थों का राजनीति में हिस्सेदारी कार्यक्रम
- झारखंड में ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस का विस्तार शीघ्र
- संगठन को मजबूत और धारदार बनाने पर जोर
बोकारो : ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस विभिन्न राजनीतिक दलों के कायस्थों के प्रति उदासीनता तथा उन्हें नजरअंदाज किये जाने के रवैये को तोड़ने के लिए कालबद्ध कार्यक्रम चलाएगा और झारखंड में अपने संगठन को मजबूत तथा धारदार बनाएगा जीकेसी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह राष्ट्रीय प्रवक्ता कमल किशोर ने आज यहां बताया कि इस सिलसिले में अगले वर्ष नई दिल्ली के रामलीला मैदान में कायस्थों की राजनीतिक भागीदारी मुद्दे को लेकर बड़ा कार्यक्रम आयोजित करेगा और वर्ष 2023 के अंत में झारखंड के रांची अथवा हजारीबाग में कायस्थ समागम का वृहद आयोजन होगा ।
श्री किशोर ने बताया कि जीकेसी के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद के कुशल तथा सक्षम नेतृत्व में शैक्षणिक , सांस्कृतिक , बौद्धिक और तकनीकी रूप से मजबूत कायस्थ जाति के हितों तथा उनकी महत्वपूर्ण भागीदारी को राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम चलाया जा रहा है और क्रमवार सभी प्रांतों में व्याख्यानमाला से लेकर संगठन की मजबूती के लिए आयोजन किए जा रहे हैं । उन्होंने कहा कि कायस्थ समाज की मशाल वाहक जाति है और समाज के सभी वर्ग के लोगों को साथ लेकर चलती है लेकिन आज इनके हितों तथा महत्वपूर्ण भागीदारी की उपेक्षा करना समाज और राष्ट्रहित के लिए नुकसानदेह है। इस बीच श्री किशोर ने बोकारो के कायस्थ संगठन के प्रतिनिधियों अशोक कुमार वर्मा, विनोद सिन्हा, भैया प्रीतम, मनोज विशाल, रजत नाथ , अमित अमन , शरद सिन्हा आदि के साथ संगठन को मजबूत करने को लेकर विचार – विमर्श किया और सभी से एकजुट होकर कायस्थ हित में काम करने की अपील की ।
इस मौके पर बोकारो में लाल बहादुर शास्त्री सांस्कृतिक भवन के निर्माण और दिसंबर माह में कायस्थ समागम के भव्य आयोजन पर भी चर्चा हुई । राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह प्रवक्ता ने कहा कि अगले वर्ष नई दिल्ली के रामलीला मैदान में कायस्थों की राजनीतिक भागीदारी को लेकर होने वाले महाकुंभ में विभिन्न प्रांतों से एक लाख से अधिक लोगों की भागीदारी होगी । इसके लिए तैयारी अभी से ही शुरू कर दी गयी है ।उन्होंने कहा कि जीकेसी का देश के उन कुछ राज्यों में भी विस्तार हो रहा है जहां हम अपना संगठन खड़ा नहीं कर पाए थे । इसके साथ ही ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस का देश के 20 से अधिक राज्यों में गठन हो चुका है और शीघ्र ही अन्य राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में भी संगठन की घोषणा कर दी जाएगी ।
श्री किशोर ने कहा कि कायस्थों के राजनीतिक हित को नजरअंदाज किए जाने और विभिन्न राजनीतिक दलों के उदासीन रवैया को लेकर देश की इस सबसे बुद्धिजीवी जाति खासकर युवाओं में उबाल है । जीकेसी इन्हीं मुद्दों को लेकर सामने आ रहा है । इससे देश के विभिन्न हिस्सों से हमें व्यापक समर्थन मिला है और बड़ी संख्या में लोग जीकेसी को समर्थन एवं सहयोग कर रहे हैं । राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने कहा कि हम गत वर्ष 19 दिसंबर को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में विश्व कायस्थ महासम्मेलन के माध्यम से देशभर में बड़ी संख्या में फैले कायस्थ परिवारों को उनके राजनीतिक, आर्थिक , शैक्षणिक और व्यावसायिक हितों को ध्यान में रखते हुए अपनी बुलंद आवाज को सत्ता तथा राजनीति के गलियारे तक पहुंचाने के लिए एकजुट हुए ।उन्होंने कहा कि जो कायस्थ हित की बात करेगा, जो कायस्थ हित का सम्मान करेगा , कायस्थ उसके साथ रहेगा ।
श्री किशोर ने कहा कि जीकेसी पूरी दुनिया में कायस्थों का सबसे बड़ा संगठन बनकर उभरा है और देश के लगभग सभी राज्यों समेत 20 से अधिक देशों में इसका गठन हो चुका है । जीकेसी की ओर से शिक्षा , रोजगार, व्यापार, कला- संस्कृति , खेल, कृषि, पर्यावरण आदि के क्षेत्र में कायस्थ युवाओं तथा महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए निरन्तर कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं ।आज यही कारण है कि जीकेसी अपने गठन के केवल एक साल के भीतर विश्व कायस्थ महासम्मेलन आयोजित करने में और सभी राज्यों से बड़ी संख्या में कायस्थों की भागीदारी सुनिश्चित करने में सफल हुआ है । उन्होंने संगठन में महिलाओं की भूमिका को बेहद महत्वपूर्ण बताया और कहा कि महिलाएं जब आगे आ जाएंगी तो कायस्थों का हर तरह से सशक्त होना सुनिश्चित हो सकेगा ।इस दिशा में महिला सेल के कार्यों की उन्होंने सराहना की ।