ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस कला-संस्कृति प्रकोष्ठ ने मनाया विजय दिवस
नयी दिल्ली ग्लोबल कायस्थ कॉन्फेंस कला संस्कृति प्रकोष्ठ ने विजय दिवस के अवसर पर ऑनलाइन कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें लोगों ने काव्य पाठ और स्वामी विवेकानंद से जुड़े संस्मरण को पेश किया। 11 सितंबर 1893 ऐतिहासिक दिन था, जिस दिन युवा तेजस्वी स्वामी विवेकानन्द ने अपने भाषण के द्वारा शिकागो में आयोजित विश्व धर्म संसद में भारत एवं सनातन धर्म का परचम फहराया। जिससे अभिभूत होकर समस्त विश्व भारतीय अध्यात्मिक चेतना के आगे नतमस्तक हो गया था। इस दिन को स्मृति में सजोने के लिए ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस विश्व विजय दिवस के रूप में मना रहा है। इसके अंतर्गत जीकेसी कला संस्कृति प्रकोष्ठ ने ऑनलाइन कार्यक्रम का आयोजन किया।
कार्यक्रम की परिकल्पना और संचालन जीकेसी कला संस्कृति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष पवन सक्सेना और कला संस्कृति प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय महासचिव श्रीमती शिवानी गौड़ ने की। इस अवसर पर जीकेसी के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने कहा, स्वमी विवेकानंद की जब भी बात होती है तब अमरीका के शिकागो की धर्म संसद में साल 1893 में दिए गए भाषण की चर्चा ज़रूर होती है। यह वो भाषण है जिसने पूरी दुनिया के सामने भारत को एक मजबूत छवि के साथ पेश किया। स्वामी विवेकानंद ने कहा था उठो, जागो और तब तक मत रूको, जब तक लक्ष्य की प्राप्ती ना हो जाए। स्वामी विवेकानंद के और भी कई संदेश है जो युवाओं को हर कदम पर आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं। आज भले ही वो इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन उनके सुविचार आज भी दोहराएं जाते हैं। उनके संदेश आज भी लोगों को आगे बढ़ने, कुछ करने की प्रेरणा देते हैं।
जीकेसी की प्रबंध न्यासी श्रीमती रागिनी रंजन ने कहा, स्वामी विवेकानंद का नाम आते ही स्म़ति पटेल पर तेजस्वी युवा संन्यासी की छवि उभर आती है।स्वामी विवेकानंद ने अमेरिका के शिकोगो शहर में धर्म संसद में प्रसिद्ध भाषण दिया था। जिसमें उन सभी मुद्दों पर प्रकाश डाला था जिससे आज पूरी दुनिया जूझ रही है वो है ‘धर्म की लड़ाई’। इस अवसर पर गौहाटी आसाम से श्री सौमित्र,बेंगलुरु कर्नाटक से श्रीमती सुभासिनी स्वरूप,रांची झारखंड से श्रीमती अनिता रश्मिभोपाल मध्यप्रदेश से मनीष बादल ने काव्यपाठ किया जबकि हिंदुस्तानी प्रचार सभा मुंबई निदेशक श्री संजीव निगमएवं युवा राष्ट्रीय संयोजक श्री शुभम वर्मा ने स्वामी विवेकानंद जी से जुड़े संस्मरण सुनाये।
वायलन वादन डॉ. रंजन कुमार ने शानदार प्रस्तुति से लोगों का दिल जीत लिया। कार्यक्रम के तकनीकी संचालन में नवीन श्रीवास्तव, सौरभ श्रीवास्तव और आशुतोष ब्रजेश ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। इस अवसर पर जीकेसी के ग्लोबल महासचिव अनुराग सक्सेना, ग्लोबल वरिष्ठ उपाध्यक्ष अखिलेश श्रीवास्तव, कला-संस्कृति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेम कुमार, महिला प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय अध्यक्ष रचना सक्सेना, राष्ट्रीय संगठन सचिव शुभ्रांशु श्रीवास्तव, कला संस्कृति प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सौमिका श्रीवास्तव राष्टीय मीडिया प्रभारी प्रभाकर श्रीवास्तव,समेत कई लोगों ने अपने विचार व्यक्त किये।