भ्रष्ट अफसरों पर लगातार आय से अधिक संपत्ति मामले में की जा रही है कार्रवाई

 भ्रष्ट अफसरों पर लगातार आय से अधिक संपत्ति मामले में की जा रही है कार्रवाई

बिहार की राजधानी पटना और बेतिया में आर्थिक अपराध इकाई ने सस्पेंडेड डीएसपी तनवीर अहमद के आवास छापेमारी कर रही है. डीएसपी तनवीर अहमद के पटना के पालीगंज और पश्चिम चंपारण जिले के इनारवा थाना क्षेत्र के पिराड़ी गांव स्थित घर पर आर्थिक अपराध इकाई की ओर से छापेमारी चल रही है. तनवीर अहमद बालू खनन के मामले में निलंबित किए गए हैं. सुबह-सुबह, भारत-नेपाल सीमा पर स्थित इनरवा के पिराड़ी गांव में उनके घर पर आर्थिक अपराध इकाई के द्वारा छापेमारी हुई.

बालू खनन मामले में सस्पेंड डीएसपी तनवीर अहमद के कई ठिकानों पर एक साथ आर्थिक अपराध इकाई के द्वारा छापेमारी चल रही है. तनवीर अहमद पर बालू माफियाओं से सांठगांठ का आरोप लगा है. सस्पेंड डीएसपी तनवीर अहमद के पटना और बेतिया स्थित ठिकानों पर आर्थिक अपराध इकाई के द्वारा छापेमारी चल रही है. आर्थिक अपराध ईकाई की इस कार्रवाई से पहले तनवीर अहमद के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में केस दर्ज किया गया था. सस्पेंड किए गए डीएसपी के खिलाफ बालू माफियाओं से सांठगांठ के सबूत मिले हैं.

आपको बता दें कि पटना के पालीगंज डीएसपी तनवीर अहमद को बालू खनन के मामले में सस्पेंड किया गया है. उनके ऊपर आय से अधिक संपत्ति का भी मामला दर्ज है. बिहार सरकार के कई अधिकारी अभी भी आर्थिक अपराध इकाई की रडार पर हैं. ऐसे में बालू माफिया से सांठगांठ के मामले में तनवीर अहमद दूसरे अफसर हैं. जिनके खिलाफ आय से अधिक सम्पति मामले में कार्रवाई हो रही है.

दरअसल, 15 जुलाई को उन्हें पद से हटाकर हेड क्वार्टर क्लोज किया गया था. उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में जांच चल रही थी. इसी कड़ी में आर्थिक अपराध इकाई को सबूत मिला, जिसके बाद छापेमारी की जा रही है. 18 जुलाई 2021 को पालीगंज अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के पद पर तनवीर अहमद को तैनात किया गया था. बालू के धंधे में लिप्त 41 अधिकारियों पर कार्रवाई की गई थी. इनके खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई आय से अधिक संपत्ति को लेकर छानबीन कर रही है.

बिहार सरकार के गृह विभाग के आरक्षी शाखा ने अवैध बालू खनन में संलिप्ता के आरोप में सस्पेंड किए गए चार अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी को 28 अगस्त को शो कॉज नोटिस भेजा था. इनमें पालीगंज के तत्कालीन एसडीपीओ तनवीर अहमद के साथ डेहरी के तत्कालीन एसडीपीओ संजय कुमार, भोजपुर के तत्कालीन एसडीपीओ पंकज कुमार रावत और औरंगाबाद सदर के तत्कालीन एसडीपीओ अनूप कुमार शामिल हैं. चारों से सरकार ने 15 दिन के भीतर जवाब मांगा था.

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