सरकार ने बुधवार को बताया – राजधानी दिल्ली में सेंट्रल विस्टा परियोजना के लिए एक भी ऐतिहासिक इमारत को नहीं गिराया जाएगा
सरकार ने बुधवार को बताया कि राजधानी दिल्ली में सेंट्रल विस्टा परियोजना के लिए एक भी ऐतिहासिक इमारत को नहीं गिराया जाएगा। आवासन और शहरी कार्य राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान बताया कि संसद की नयी इमारत के निर्माण के लिए निविदा निकाली गई और ठेका दिया गया। उन्होंने कहा कि इस पर काम शुरू हो चुका है और यह इमारत 2022 में भारत की आजादी की 75वीं सालगिरह तक पूरी हो जाने का अनुमान है।
पुरी ने कहा कि नयी इमारत के बनने के बाद पुरानी इमारत का क्या उपयोग किया जाएगा, इस बारे में अभी से कुछ कहना जल्दबाजी होगी। उन्होंने सेंट्रल विस्टा परियोजना के बारे में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में बताया कि कुछ निर्णय लिए गए हैं और उन पर ही अमल हो रहा है।
यह पूछे जाने पर कि इस परियोजना के लिए कौन कौन सी इमारत को गिराने के लिए चिह्नित किया गया है, पुरी ने कहा कि इसके लिए एक भी ऐतिहासिक इमारत को नहीं गिराया जाएगा। उन्होंने कहा कि परियोजना के दायरे में अस्थायी कार्यालयों, ढांचों को हटाया जाएगा लेकिन तब, जब उनके लिए समुचित व्यवस्था की जाएगी। इन कार्यालयों को कस्तूरबा गांधी मार्ग या अफ्रीका एवेन्यू में स्थानांतरित किया जाएगा
उन्होंने यह भी बताया कि सेंट्रल विस्टा परियोजना में दिल्ली के अलग अलग स्थानों पर स्थित सरकारी कार्यालयों को एक जगह लाने का प्रस्ताव है। इनमें उपराष्ट्रपति कार्यालय, प्रधानमंत्री आवास, केंद्रीय सचिवालय आदि भी शामिल हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राजधानी में, विभिन्न राज्य सरकारों के कार्यालयों को एक स्थान पर लाया जाना अच्छी बात होगी लेकिन इस बारे में प्रस्ताव राज्य सरकारों की ओर से आना चाहिए।