शराब माफियाओं की संपत्ति जब्त कर सारण कांड के मृतक परिजनों को मुआवजा दे सरकार: माले

 शराब माफियाओं की संपत्ति जब्त कर सारण कांड के मृतक परिजनों को मुआवजा दे सरकार: माले

भाकपा-माले का राज्यव्यापी प्रतिवाद, शराब माफियाओं के राजनीतिक-प्रशासनिक संरक्षण की जांच हो.

भाजपा घड़ियाली आंसू बहाना बंद कर मध्यप्रदेश व गुजरात में जहरीली शराब से हुई मौतों का पहले जवाब दे.

पटना 19 दिसंबर 2022: दर्दनाक सारण कांड के मृतक परिजनों को 10 लाख मुआवजा, पुनर्वास, उनके बाल-बच्चों की पढ़ाई-लिखाई, प्रत्येक प्रखंड मुख्यालय पर नशा मुक्ति केंद्र खोलने और शराब माफियाओं को मिल रहे राजनीतिक व प्रशासनिक संरक्षण की मांग पर आज भाकपा-माले ने राज्यव्यापी विरोध दिवस का आयोजन किया. इन मांगों को लेकर पूरे राज्य में माले कार्यकर्ता सड़क पर उतरे और बिहार सरकार से मृतक परिजनों के प्रति सहानुभूमि के साथ पेश आने की मांग की.

पटना में बुद्ध स्मृति पार्क के पास आयोजित विरोध सभा को माले राज्य सचिव कुणाल, विधायक दल नेता महबूब आलम, विधायक गोपाल रविदास, संदीप सौरभ, ऐपवा की बिहार राज्य अध्यक्ष सरोज चौबे आदि नेताओं ने संबोधित किया, जबकि संचालन पार्टी की राज्य कमिटी के सदस्य कमलेश शर्मा ने किया. मौके पर वरिष्ठ पार्टी नेता केडी यादव, अभ्युदय, जितेन्द्र कुमार, मुर्तजा अली, समता राय, संजय यादव, नागरिक आंदोलन के गालिब सहित आइसा-आरवाइए के दर्जनों नेता-कार्यकर्ता उपस्थित थे.

माले राज्य सचिव कुणाल ने इस मौके पर कहा कि हमारी पार्टी शराबबंदी कानून के हमेशा से समर्थन में रही है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि शराब पीने वालों को अपराधी बना दिया जाए. यह एक सामाजिक बुराई है, इसलिए सारण कांड में मारे गए लोगों के परिजनों को सरकार को मुआवजा देना ही चाहिए. उन्होंने शराबबंदी कानून का हवाला देते हुए कहा कि उसमें शराब माफियाओं की संपत्ति जब्त कर मुआवजा देने का प्रावधान है. गोपालगंज के खजूरबनी कांड में सरकार मुआवजा दे भी चुकी है.

उन्होंने कहा कि शराबबंदी कानून के बावजूद राजनीतिक-प्रशासनिक संरक्षण में शराब माफिया गिरोहों का पूरा तंत्र खड़ा है. इसकी जांच होनी चाहिए और ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए. यह भी कहा कि भाजपा इस मामले में घड़ियाली आंसू बहा रही है. भाजपा शासित मध्यप्रदेश व गुजरात में जहरीली शराब से मौतों का आंकड़ा सबसे अधिक है. भाजपा नेता रामसूरत राय द्वारा संचालित स्कूल से शराब भरी ट्रक बरामद हुई थी. विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता विजय सिन्हा के एक रिश्तेदार के यहां से भी शराब की बोतलें पाई गईं. सारण कांड में भी यूपी से शराब आने की चर्चा है. यदि सारण कांड की जांच हो तो शराब माफियाओं के भाजपाई कनेक्शन का खुलासा हो जाएगा.

नेता विधायक दल महबूब आलम ने कहा कि इस मसले पर आज मुख्यमंत्री से मुलाकात हुई. मुख्यमंत्री ने इस पर गंभीरता से विचार का आश्वासन दिया है. हम ऐसी मांगों पर सदन से लेकर सड़क तक लड़ते रहेंगे. भाजपा को मृतक परिजनों से कुछ भी लेना देना नहीं है. जहरीली शराब से मौत के मामले में भाजपा शासित प्रदेश ही सबसे आगे हैं.

गोपाल रविदास ने कहा कि मसौढ़ी के हांसाडीह में पुलिस ने शराबबंदी के नाम पर दलित टोलों पर हमला किया. महिलाओं को नंगा करके पीटा गया. सोनवां देवी की मौत हो गई. इसके पहले भी शराब बंदी कानून के नाम पर गिरफ्तार किए गए कई लोगों की हाजत में मौत हुई है. शराब बंदी कानून का तो ऐसा मकसद कहीं से नहीं था. हम सरकार से पुलिस दमन की कार्रवाइयों पर रोक लगाने की मांग करते हैं.

राजधानी पटना के अलावा राज्य के विभिन्न जिला केंद्रों पर आज का प्रतिवाद आयोजित हुआ.

राज्य कार्यालय, भाकपा-माले, बिहार

संबंधित खबर -