बिहार में गरीबी पर सरकारी व्यवस्था की मार, JLNMCH इमरजेंसी हॉल में 17 घंटे पड़ा रहा बच्चे का शव

 बिहार में गरीबी पर सरकारी व्यवस्था की मार, JLNMCH इमरजेंसी हॉल में 17 घंटे पड़ा रहा बच्चे का शव

बिहार में गरीबी पर सरकारी व्यवस्था की मार और उपर से हद दर्जे की लापरवाही। चाहे वो डॉक्टरों की हो या अस्पताल प्रशासन की। दरअसल सड़क दुर्घटना में घायल ढाई साल के बच्चे को रेफर कर डॉक्टरों ने अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली तो आर्थिक तंगी से बेजार परिजन उसे किसी दूसरे अस्पताल में इलाज के लिए नहीं ले जा पाए।

आखिरकार बच्चे की गुरुवार की रात 10 बजे मौत हो गयी तो परिजन बच्चे के शव को भागलपुर के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल(JLNMCH) के इमरजेंसी हॉल में रखकर 17 घंटे तक डीआर यानी डेथ रजिस्टर बनवाने के लिए परेशान रहे। इस दौरान परिजन नम आंखों के साथ डॉक्टर से लेकर कंट्रोल रूम के जिम्मेदारों से डीआर बनवाने की गुहार लगाते रहे, लेकिन किसी का दिल नहीं पसीजा।
 
ट्रैक्टर की चपेट में आकर बुरी तरह से घायल हो गया था ढाई साल का बेटा


भवनाथपुर निवासी मिथुन मंडल मजदूरी करता है। उसका ढाई साल का बेटा अभिमन्यु कुमार बुधवार को दोपहर डेढ़ से दो बजे के करीब अपने घर के दरवाजे के बाहर खेल रहा था। इसी दौरान सड़क से गुजर रहे ट्रैक्टर की चपेट में आकर बुरी तरह से घायल हो गया। परिजन घायल बच्चे को बुधवार की शाम करीब पांच बजे जेएलएनएमसीएच(मायागंज अस्पताल) के इमरजेंसी में डॉ. सीएम उपाध्याय की यूनिट में भर्ती कराया।

बच्चे का इलाज चल रहा था, लेकिन उसकी स्थिति में खास सुधार नहीं हो रहा था। परिजनों का कहना है कि उनके बच्चे को गुरुवार को करीब डेढ़ बजे डॉक्टरों ने रेफर कर दिया, लेकिन पास में रुपये नहीं था तो पटना इलाज के लिए नहीं ले जा पाये और JLNMCH के इमरजेंसी में इलाज के लिए रखे रहे। जहां इलाज के दौरान मौत हो गयी। 
  
JLNMCH में हाथ जोड़े गुहार लगाते रहे, किसी ने नहीं सुनी फरियाद
मौत के बाद JLNMCH स्टाफ ने बच्चे की लाश को इमरजेंसी वार्ड से बाहर कर दिया। लाश का पोस्टमार्टम कराने के लिए परिजन बरारी पुलिस के पास गये तो पुलिस ने कहा कि जब तक बच्चे का डीआर नहीं बनता है, तब तक पोस्टमार्टम नहीं करा सकते हैं।

पहले डीआर बनवाकर लायें। रात 10 से लेकर दोपहर तीन बजे तक इमरजेंसी में तीन हेल्थ मैनेजर व सर्जन डॉ. विशाल शेखर और डॉ. हरिशंकर प्रसाद आये और ड्यूटी कर चले गये, लेकिन बच्चे का डीआर बनाने का जहमत नहीं उठाया। शुक्रवार को दोपहर बाद तीन बजे जब इसकी सूचना मायागंज अस्पताल के आला अधिकारियों को दी गयी तो शुक्रवार को दोपहर बाद इमरजेंसी में सर्जन ऑन ड्यूटी डॉ. पवन कुमार ने बच्चे का डीआर बनाया और बरारी पुलिस को सौंपा। इसके बाद परिजन डीआर लेकर बरारी पुलिस के पास गये। जहां शनिवार को बच्चे का पोस्टमार्टम कराया जायेगा। 

संबंधित खबर -