Happy Diwali : आज पूरे देशभर में मनाया जा दिवाली, जानिए दिवाली मनाने के कारण
Happy Diwali : प्रकाश पर्व दीपावली आज 4 नवंबर को पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है । इस पर्व को हर उम्र वर्ग के लोग बड़े ही उल्लास से मनाते है । हमारे देश में कई प्रकार की संस्कृतिया और मान्यताओ वाले लोग निवास करते है । लेकिन सभी लोग किसी न किसी वजह से एक दूसरे से जुड़े है। हर साल कार्तिक मास की अमावस्या पर पड़ने दीपावाली को मनाये जाने के कई कारण है । इस दिन सिर्फ़ दियों को जलाने और ख़ुशियों को बाटने की प्रथा नही है , बल्कि दीपावली को मनाने के पीछे कई कारण है, जिनसे बहुत से लोग अनजान है।
आज हम आपको बताएंगे कि दीपावाली किन किन करणो से मनाई जाती है । दीपावली मनाने का सिर्फ़ एक कारण नही है। दिवाली मनाने के कई कारण है। कई लोग सोचते है की भगवान श्री राम के 14 वर्षों के वनवास से लौटने की ख़ुशी में दीपावाली मनाई जाती है जो की सच है लेकिन और भी कारण है जिसके वजह से इस पर्व को भारतवर्ष में महत्व दिया जाता है। दीपावली के ही दिन माता लक्ष्मी जन्मी थी।
1.दीपावली के दिन जन्मी थीं माता लक्ष्मी
2. भगवान विष्णु ने बचाया था माता लक्ष्मी को
भगवान विष्णु का पांचवां अवतार वामन अवतार है। हिंदू कथाओं में यह बहुत प्रसिद्ध कथा है जिसमें भगवान विष्णु के वामन अवतार ने माता लक्ष्मी को राजा बाली के गिरफ्त से बचाया था। इसीलिए इस दिन दीपावली को मां लक्ष्मी की पूजा करके श्रद्धा भाव से मनाया जाता है
3. कृष्ण ने नरकासुर का किया था वध
जब राक्षस राजा नरकासुर ने तीनों लोकों पर आक्रमण कर दिया था और वहां रहने वाले देवी-देवताओं पर अत्याचार कर रहा था तब श्री कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था। उसका वध करके श्री कृष्ण ने 16,000 महिलाओं को उसके कैद से आजाद किया था। इस जीत की खुशी को 2 दिन तक मनाया गया था जिसमें दीपावली का दिन मुख्य है। दिपावली पर्व का दूसरा दिन नरक चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है।
4.पांडवों की हुई थी वापसी
हिंदू धर्म के एक महाकाव्य महाभारत के अनुसार कार्तिक अमावस्या के ही दिन पांडव 12 साल के वनवास के बाद लौटे थे। उनके आने की खुशी में प्रजा ने उनका स्वागत दीयों को जलाकर किया था।
5.भगवान राम की हुई थी जीत
हिंदू धर्म के दूसरे महाकाव्य रामायण के अनुसार कार्तिक मास की अमावस्या के दिन ही भगवान श्री राम माता सीता और अपने भाई लक्ष्मण के साथ लंका पर विजय प्राप्त करके अयोध्या वापस लौटे थे। भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण जी के आने की खुशी में पूरा अयोध्या झूम उठा था और दीयों के प्रकाश से उन तीनों का स्वागत किया गया था। इस दिन को भगवान श्री राम के जीत की खुशी के तौर पर भी मनाया जाता है।
भारतीयों का विश्वास है कि सत्य की सदा जीत होती है झूठ का नाश होता है। दीवाली यही चरितार्थ करती है- असतो मा सद्गमय, तमसो मा ज्योतिर्गमय।