1 अक्टूबर से होंगे हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के नियम में बदलाव, जानिये कौन से अधिकार मिलेंगे आपको पहली बार
1 अक्टूबर के बाद पॉलिसीधारक को नए अधिकार मिलने वाले हैं| अगर आपने लगातार 8 साल तक अपनी इंश्योरेंस पॉलिसी का प्रीमियम भरा है तो कंपनी किसी भी कमी के आधार पर क्लेम रिजेक्ट नहीं कर पाएगा| हेल्थ कवर में ज्यादा से ज्यादा बीमारियों के लिए इलाज का क्लेम मिलेगा| हालांकि, इसका असर प्रीमियम की दरों में इज़ाफे के तौर पर भी दिख सकता है|
ये सभी अधिकार मिलेंगे पहली बार
एक से ज्यादा कंपनी की पॉलिसी होने पर ग्राहक के पास क्लेम चुनने का अधिकार होगा| एक पॉलिसी की सीमा के बाद बाकी का क्लेम दूसरी कंपनी से मुमकिन हो सकेगा| डिडक्शन हुए क्लेम को भी दूसरी कंपनी से लेने का अधिकार होगा| 30 दिन में क्लेम स्वीकार या रिजेक्ट जरूरी है| एक कंपनी के प्रोडक्ट में माइग्रेशन तो पुराना वेटिंग पीरियड जुड़ेगा| टेलीमेडिसिन का खर्च भी क्लेम का हिस्सा होगा| इलाज के पहले और बाद टेलीमेडिसिन का इस्तेमाल पॉलिसी में शामिल होगा. OPD कवरेज वाली पॉलिसी में टेलीमेडिसिन का पूरा खर्च मिलेगा. डॉक्टरों को टेलीमेडिसिन के इस्तेमाल की सलाह ले सकेंगे| कंपनियों को मंजूरी नहीं लेनी, सालाना सीमा का नियम लागू होगा|
बीमारियों के कवरेज का दायरा बढ़ेगा| सभी कंपनियों में कवर के बाहर वाली स्थाई बीमारियां समान होंगी| कवर के बाहर वाली स्थाई बीमारियों की संख्या घटकर 17 रह जाएगी| अभी किसी पॉलिसी में एक्सक्लूजन 10 है तो 17 होने पर प्रीमियम घटेगा| मानसिक, जेनेटिक बीमारी, न्यूरो संबंधी विकार जैसी गंभीर बीमारियों का कवर मिलेगा| न्यूरो डिसऑर्डर, ऑरल केमोथेरेपी, रोबोटिक सर्ज़री, स्टेम सेल थेरेपी का भी कवर शामिल है|
पहले से बीमारी वाली शर्तों को लेकर बदले हैं नियम
पॉलिसी जारी होने के तीन महीने के भीतर लक्षण पर प्री-एग्जिस्टिंग बीमारी माना जाएगा. 8 साल तक प्रीमियम के बाद क्लेम रिजेक्ट नहीं होगा| 8 साल पूरे होने के बाद पॉलिसी को लेकर कोई पुनर्विचार लागू नहीं होगा| 8 साल तक रीन्युअल तो गलत जानकारी का बहाना नहीं चलेगा|
फार्मेसी, इंप्लांट और डायग्नोस्टिक से जुड़ा पूरा खर्च क्लेम में मिलेगा| एसोसिएट मेडिकल खर्च बढ़ने से क्लेम राशी में कटौती होती है| तय सीमा से ज्यादा रुम पैकेज में एसोसिएट मेडिकल खर्च पर क्लेम कटौती होती है| क्लेम में ICU चार्जेस के भी अनुपात में कटौती नहीं होगी|