स्वस्थ शरीर तो , सुखमय ज़िन्दगी
स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन रहता है… कहावत पुरानी है, लेकिन है पूरी तरह सच। वैसे हम अपने रूटीन में अगर कुछ चीजों को शामिल करें और कुछ नियमों का पालन करें तो खुद को ज्यादा आसानी से फिट रख सकते हैं। जानते हैं इसके लिए चंद अहम बातें:
कसरत का कमाल
वॉक में हम 1 मिनट में आमतौर पर 40-50 कदम चलते हैं, ब्रिस्क वॉक में करीब 80 कदम और जॉगिंग में करीब 160 कदम। हफ्ते में 5 दिन 30-45 मिनट कार्डियो एक्सर्साइज (ब्रिस्क वॉक, एरोबिक्स, स्वीमिंग, साइकलिंग, जॉगिंग आदि) जरूर करें। एक्सर्साइज शुरू करने से पहले 5 मिनट वॉर्म-अप और खत्म करने के बाद 5 मिनट कूल डाउन जरूर करें।
सांस लेना सीखें
- रोजाना आधा घंटा योगासन करें। इसमें आसन, ध्यान, गहरी सांस लेना और अनुलोम-विलोम को शामिल करें। सुबह उठकर 10-15 मिनट गहरी सांस लेने से लंग्स की क्षमता 70% तक बढ़ जाती है।
- सुबह-शाम 10-10 मिनट मेडिटेशन करें। इससे शरीर में ऑक्सिजन की मात्रा बढ़ती है और साथ ही बीपी भी कंट्रोल होता है।
80 का फॉर्म्युला रखेगा फिट
पेट की चौड़ाई, दिल की धड़कन, बैड कॉलेस्ट्रॉल, खाली पेट शुगर, नीचे का बीपी 80 से कम रखें। रोजाना 80 तालियां बजाएं और कम-से-कम 80 बार हंसें।
- दिन में 80 एमएल से ज्यादा सॉफ्ट ड्रिंक्स न पिएं। इस 80 एमएल में भी सोडा मिलाकर उसे डायल्यूट कर लें और 200 मिली बना लें।
- दो हफ्ते में 80 ग्राम से ज्यादा नमक न खाएं। यह ब्लड प्रेशर बढ़ा सकता है। बीपी के मरीजों को नमक और कम खाना चाहिए।
- हफ्ते में 80 मिनट ब्रिस्क वॉक, 80 मिनट एरोबिक्स और 80 मिनट स्ट्रेचिंग एक्सर्साइज जरूर करें। तीनों को मिलाकर करना ही बेहतर है।
- ट्रेडमिल में हार्ट की कंडिशंस को 80 फीसदी तक जरूर पूरा करें। एक्सर्साइज में दिल जोर से नहीं धड़कता तो दिल के लिए फायदा नहीं।
वजन कम, लाइफ में दम
- 2 किलो से ज्यादा वजन महीने भर में घटाने का टारगेट नहीं रखें। बहुत तेजी से वजन घटाएंगे तो फिर से वजन बढ़ने के चांस ज्यादा होंगे क्योंकि ज्यादा डाइटिंग से मेटाबॉलिजम कम हो जाता है।
- 500 कैलरी रोजाना कम लेने का टारगेट रखें, लेकिन कम खाकर ऐसा न करें। इसके लिए 250 कैलरी खाने में से घटाएं और 250 कैलरी एक्सर्साइज करके घटाएं।
- 60% कार्डियो और 40% स्ट्रेंथनिंग एक्सर्साइज का कॉम्बो रखें वजन कम करते वक्त। कार्डियो के लिए ब्रिस्क वॉक, एरोबिक्स, स्वीमिंग, साइकलिंग आदि और स्ट्रेंथनिंग के लिए डंबल, पुशअप्स, उठक-बैठक, सूर्य नमस्कार आदि करें।
BP रखें कंट्रोल में
अपने लोअर ब्लड प्रेशर को 80 mmHg से कम रखें। यदि आपका लोअर ब्लड प्रेशर 80 mmHg से ज्यादा रहता है तो हर साल डॉक्टर के पास चेकअप के लिए जाएं।
हेल्दी खाना, सेहत का खजाना
- दिन में 5-6 बार थोड़ा-थोड़ा खाएं। दिल और लिवर को फिट रखने के लिए ऐसी चीजें खाएं जिनमें फाइबर खूब हो, जैसे कि गेहूं, ज्वार, बाजरा, जई आदि। दलिया, स्प्राउट्स, ओट्स और दालों के फाइबर से कॉलेस्ट्रॉल कम होता है।
- हरी सब्जियां, सनफ्लावर सीड्स, फ्लैक्स सीड्स आदि खाएं। इनमें फॉलिक एसिड होता है, जो कॉलेस्ट्रॉल लेवल को मेंटेन करने में मदद करता है।
- अलसी, बादाम, बीन्स, फिश और सरसों तेल में काफी ओमेगा-थ्री होता है, जो दिल के लिए अच्छा है।
रोजाना 1-2 अखरोट और 8-10 बादाम भी खाएं।
मैदा और चीनी खतरनाक
- ट्रांस-फैट्स सेहत के लिए बेहद नुकसानदेह हैं। ट्रांस फैट्स तेल को बार-बार गर्म करने या तेल को बहुत तेज गर्म करने पर पैदा होते हैं। ये वनस्पति घी में ज्यादा पाए जाते हैं।
- वैसे तो सैचुरेटिड फैट्स (घी, बटर, चीज, रेड मीट आदि) से दिल की बीमारी का सीधा कनेक्शन नहीं है फिर भी फैट लिमिट में ही खाना चाहिए।
- रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट (सफेद चीनी, सफेद चावल और सफेद मैदा) फैट से कहीं ज्यादा नुकसानदेह हैं। कोशिश करें कि इन्हें अपने खाने से निकाल दें।
- चीनी के बजाय गुड़, सफेद चावल के बजाय ब्राउन राइस यूज करें।
- स्वस्थ हैं तो भी रोजाना 3-4 चम्मच से ज्यादा फैट न लें। इसमें देसी घी, मक्खन और रिफाइंड ऑयल सभी कुछ शामिल है।
दर्द से परेशान
कमर, पैर या पीठ दर्द से परेशान हों तो RICE का फॉर्म्युला अपनाएं, यानी रेस्ट, आइस, कंप्रेशन एलिवेशन।
Rest: आराम करें। ज्यादा घूमे-फिरे नहीं, न ही देर तक खड़े रहें।
Ice: एक कपड़े या बैग में बर्फ रखें और दिन में 4-5 बार 10-10 मिनट के लिए दर्द की जगह पर लगाएं।
Compession: घुटने या कमर पर क्रेप बैंडेज, नी कैप या नी ब्रेस लगाएं।
Elevation: लेटते वक्त पैर के नीचे तकिया रख लें ताकि घुटना थोड़ा ऊंचा रहे। इस दौरान एक्सर्साइज और योगासन बंद कर आराम करें। वॉलिनी, मूव, वॉवेरन जेल, डीएफओ जेल आदि किसी दर्दनिवारक बाम या जेल से हल्के हाथ से एक-दो मिनट मालिश कर सकते हैं।
डेस्क जॉब में हैं तो रखें ध्यान
- डेस्क जॉब करनेवालों को ऑफिस में बैठे-बैठे गर्दन और घुटनों की एक्सर्साइज और स्ट्रेचिंग करते रहना चाहिए।
- अपने घुटनों को लगातार चलाते रहें। बैठे-बैठे 15-20 मिनट में पैरों को गोल-गोल घुमाते रहें और सीधा तानें। इसी तरह गर्दन की एक्सर्साइज भी करते रहें।
- हर 30 मिनट पर आंखों की एक्सर्साइज करें। आंखों को स्क्रीन से हटाएं और दूर टिकाएं। फिर पास में देखें।
आंखों को हथेलियों से अच्छी तरह ढक लें और 30 सेकंड के बाद खोलें।- कंप्यूटर पर काम करते हुए इस तरह बैठे कि कमर सीधी रहे। हाथों को कुर्सी के हैंडल का सपॉर्ट मिले।
- थाई का ज्यादा-से-ज्यादा हिस्सा कुर्सी की सीट पर होना चाहिए, लेकिन घुटने उसके किनारे से सटे हुए न हों। इसके लिए कमर पीछे लगाकर बैठना होगा। घुटने हल्के-से उठे हों।
- डेस्क पर कंप्यूटर स्क्रीन का ऊपरी हिस्सा आंखों के लेवल पर होना चाहिए। ऊपर या नीचा होने से गर्दन में दर्द हो सकता है।