ग्रीन टैक्स का सीएनजी कार की बिक्री पर क्या असर पड़ेगा?
हाल ही में ऑटो उद्योग ने इस बात पर प्रकाश डाला है कि पेट्रोल और डीजल वाहनों पर ग्रीन टैक्स लगाने के एक सरकारी प्रस्ताव से मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड सबसे अधिक लाभ प्राप्त करेगा।
- मारुति भारत की शीर्ष कार निर्माता कंपनी है और इसका सभी घरेलू वाहन निर्माताओं के बीच संपीड़ित प्राकृतिक गैस (सीएनजी) वाहनों का सबसे बड़ा पोर्टफोलियो है।
- सुजुकी मोटर कॉर्प यूनिट न 2022 तक अपनी सीएनजी वाहन बिक्री को 2,00,000 इकाइयों तक पहुँचाने की योजना बनाई है।
- वित्तीय वर्ष 2020 में, मारुति ने रिकॉर्ड 1,06,443 CNG वाहन बेचे।ऐसे वाहनों की बिक्री सालाना 5% के औसत के साथ बढ़ी है।
- डीजल की तुलना में मारुति सीएनजी वाहनों को पर्यावरण के अनुकूल विकल्प के रूप में आगे बढ़ा रही है।
- मारुति ने डीजल वाहनों की बिक्री बंद कर दी है और सीएनजी मॉडल के अपने पोर्टफोलियो के विस्तार की महत्वाकांक्षी योजना पेश की है।
वाहनों पर ग्रीन टैक्स
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 1 अप्रैल, 2022 से वाहनों की एक निश्चित श्रेणी पर ग्रीन टैक्स लगाने की घोषणा की है। सरकार ने प्रस्ताव दिया है कि पंजीकरण के नवीनीकरण के समय निजी वाहनों पर एक ग्रीन टैक्स लगाया जा सकता है। यह पेट्रोल या डीजल वाहन के रोड टैक्स के 10-25% के बराबर हो सकता है। इसी तरह का कर परिवहन या वाणिज्यिक वाहनों पर भी लगाया जाएगा जो पंजीकरण प्रमाणपत्र और फिटनेस प्रमाणपत्र के नवीनीकरण के समय आठ साल से अधिक पुराने हैं।
ग्रीन टैक्स से मारुति को कैसे फायदा होगा?
ग्रीन टैक्स मानदंडों के तहत हाइब्रिड वाहन, इलेक्ट्रिक वाहन और वे वाहन जो सीएनजी, इथेनॉल और तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) जैसे स्वच्छ वैकल्पिक ईंधन पर चलते हैं, उन्हें ग्रीन टैक्स से छूट दी जाएगी। उच्च कर पेट्रोल या डीजल वाहनों पर लगाया जाएगा। पेट्रोल और डीजल कारों पर अधिक कर लोगों को सीएनजी में शिफ्ट होने के लिए मजबूर करेगा। यह बदले में, मारुति और हुंडई जैसी कंपनियों को लाभान्वित करेगा। इसके अलावा, कंपनियां और डीलर ग्रीन सेस और बढ़ी हुई लागत को विपणन रणनीति के रूप में उपयोग कर सकते हैं ताकि ग्राहकों को सीएनजी वाहन खरीदने के लिए प्रेरित किया जा सके।