कच्चे तेल के भाव में भारी गिरावट, अभी और सस्ता होने की संभावना

 कच्चे तेल के भाव में भारी गिरावट, अभी और सस्ता होने की संभावना

अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में तेजी से रुख के बीच दिल्ली बाजार में लगभग सभी तेल तिलहनों के भाव में तेजी देखने को मिली। दूसरी तरफ सरसों की नई फसल की मंडियों में आवक बढ़ने से बीते दिन मंगलवार को सरसों तेल-तिलहन के भाव में भारी गिरावट के साथ बंद हुए। वहीं, इंदौर के संयोगिता गंज अनाज मंडी में मंगलवार को मसूर के भाव में 50 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई।

बाजार सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में तेजी के बावजूद मंडियों में सरसों के नये फसल की आवक बढ़ने से सरसों तेल तिलहन के भाव में गिरावट देखी जा रही है। सोयाबीन जैसे तेलों से सरसों का दाम कम हो गया है। इससे आगे सरसों तेल में और गिरावट आने की संभावना है।सूत्रों ने कहा कि सरकार को आयात पर निर्भरता कम करने के लिए तिलहन उत्पादन को बढ़ाने पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए।

आपको बता दें, आयातित तेलों के दाम महंगे हुए हैं। आयातित तेलों के भाव ऊंचा रहने से सरसों की पेराई अधिक होगी। इसके अलावा बाजार में सरसों 2-3 महीने ही रहेगा और ऐसे में सहकारी संस्था- हाफेड और नेफेड को सरसों न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर मिलना मुश्किल है, इसलिए उन्हें बाजार भाव से ही सही, सरसों की खरीद कर सरसों का पर्याप्त स्टॉक बना लेना चाहिये जो संकट की स्थिति में हमारी मदद करेगा।

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