तांबे के बर्तन का पानी पीने से इम्यूनिटी स्ट्रांग व मोटापा कंट्रोल,जानें इसके कई और फायदे
आयुर्वेद के अनुसार कुछ सरल उपाय द्वारा हर व्यक्ति घर पर ही कई गंभीर रोगों से मुक्ति पा सकता है। ऐसा ही उपायों में से एक है तांबा के बर्तन में रखा पानी पीने का। तांबे के बर्तन में रखा पानी को पीने से व्यक्ति को कई तरह के लाभ मिलते है। इसे ताम्र जल भी कहते है। पानी को कम से कम आठ घंटे तांबे के बर्तन में जैसे-लोटा, गिलास या जग में रखें। ताम्र जल इम्यूनिटी स्ट्रांग व मोटापा कंट्रोल में मददगार साबित होती है।
तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से तांबा अर्थात काॅपर की कमी को शरीर में पूर्ति होती है, जो व्यक्ति को बीमारी उत्पन्न करने वाली बैक्टीरिया से सुरक्षा प्रदान करता है। रोजाना ताम्र जल का पीन से गैस, पेट दर्द, कब्ज, एसिडिटी जैसी परेशानियों में लाभ मिलता है।
एनीमिया में ताम्र जल लाभकारी है। यह आयरन को सोख लेता है जिस वजह से एनीमिया से निपटने के लिए जरूरी है। एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण मौजूद होते है जो व्यक्ति के शरीर में सूजन, दर्द, ऐंठन की समस्या को दूर करता है।
अमेरिकन कैंसर सोसायटी के मुताबिक कैंसर की शुरूआत को रोकने में तांबा मददगार साबित होता है। तांबे में कैंसर विरोधी तत्व पाए जाते है। तांबे के जल को पीने से त्वचा संबंधी रोगों जैसे फोड़े, फुंसी, मुंहासे से बचाव होता है। जिससे त्वचा चमकदार व साफ दिखती है।
तांबे के बर्तन में रखा रात का पानी सुबह में पीने से पाचन क्रिया दुरूस्त होती है। इसके साथ ही ताम्र जल वसा को कम करता है। तांबे में मौजूद मिनरल्स थाॅयराइड की समस्या को दूर करती है। तांबे में एंटी ओक्सिडेंट तत्व मौजूद होते है। जो आपको जवां बनाए रखने में मददगार साबित होते है।
तांब्र जल मस्तिष्क को सक्रिय बनाए रखने में सहायक होता है। तांबे के पानी के उपयोग से स्मरणशक्ति का विकास होता है।
संवाददाता, ए बी बिहार न्यूज।