कृषि आन्दोलन के मध्य पीएम मोदी ने ट्वीट कर किन दो केन्द्रीय मंत्रियों की बात सुनने की अपील की?
तीन कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली बार्डर पर पिछले 16 दिनों से जारी किसान आंदोलन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ट्वीट किया है। इस ट्वीट में पीएम मोदी ने कहा है कि मंत्रिमंडल के मेरे दो सहयोगी नरेंद्र सिंह तोमर जी और पीयूष गोयल जी ने नए कृषि कानूनों और किसानों की मांगों को लेकर विस्तार से बात की है। उन्होंने इस ट्वीट के साथ एक वीडियो शेयर किया जिसमें गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए दोनों मंत्रियों ने किसान की हर समस्या पर विस्तार से बताया और सरकार ने क्या समाधान रखा है उसके बारे में जानकारी दी थी। पीएम मोदी ने ट्वीट करके कहा है कि इसे जरूर सुनें।
कृषि मंत्री तोमर ने कहा- चर्चा के बावजूद आन्दोलन तेज़ करना गलत निर्णय
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गुरुवार को पत्रकारों से कहा कि सरकार व किसान संगठनों में चर्चा चल रही है, इस बीच आंदोलन तेज करने की घोषणा को सही नहीं ठहराया जा सकता है। सरकार की ओर से चर्चा बंद कर दी जाती तब उनका आंदोलन करना वाजिब था। तोमर ने कहा कि सरकार के लिखित प्रस्ताव पर किसान संगठनों से आगे भी बातचीत को हम तैयार हैं। यह पत्रकार वार्ता भी इसी संदर्भ में है। जैसे ही किसान संगठनों की ओर से प्रस्ताव आएगा सरकार फौरन चर्चा के लिए तैयार होगी।
नए कृषि कानून लागू होने के बाद भी जारी रहेगी MSP
एक सवाल के जवाब में नरेंद्र तोमर ने कहा कि नए कृषि कानून लागू होने के बाद भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) जारी रहेगी, फिर भी किसान संगठनों के मांग पर सरकार एमएसपी जारी रहने का लिखित आश्वासन देने को तैयार है। राज्य सरकारें कृषि कानून के तहत व्यपार करने वाली कंपनियों के पंजीकरण के नियम बना सकती हैं। इसका भी प्रावधान करने को हम तैयार है। सरकारी मंडियों के बाहर निजी मंडियों पर राज्य सरकारें सेस-टैक्स लगा सकेंगी। पैन कार्ड के साथ व्यापारी-कंपनी को पंजीकरण करना अनिवार्य होगा। ठेका खेती में विवाद होने पर किसान एसडीएम कोर्ट के अलावा सिविल कोर्ट जा सकेंगे।
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