भारत चौथा हाइपरसोनिक शक्ति वाला देश बना, अब तक अमेरिका, चीन व रूस के पास यह तकनीक थी
भारत ने गत् सोमवार को हाइपरसोनिक प्रौद्योगिकी निदर्शक यान (एचएसटीडीवी) तैयार करने में विजय प्राप्त कर ली है। भारत अमेरिका, चीन व रूस के बाद चौथा ऐसा देश बना है जिसने हाइपरसोनिक तकनीक खुद कि विकसित कर सफलतापूर्वक परीक्षण कर लिया है। सोमवार को ओडिसा के बालासोर स्थित एपीजे अब्दुल कलाम रेंज में इसे स्क्रैमजेट इंजन की मदद से लॉन्च किया गया। यह लक्ष्य को हवा में आवाज की गति से छह गुना रफ्तार से दूरी तय कर निशाना बना सकता है।
सूत्रों के मुताबिक भारत हाइपरसोनिक मिसाइल अगले पांच साल में बना सकेगा। देश में तैयार स्क्रैमजेट (तेज रफ्तार) प्रपुल्षन सिस्टम में हाइपरसोनिक मिसाइल लैस होगी। डीआरडीओ प्रमुख जी. सतीश रेड्डी और टीम ने प्रोजेक्ट की अगुआई की। पांच मिनट तक यह प्रक्रिया चली। व्हीकल कंबषन चेंबर प्रेशर, एयरइंटेक और कंट्रोल जैसे मापदंडों पर परीक्षण में यह लॉन्च खरा उतरा।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर बताया कि मैं प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के विजन को पूरा करने के लिए डीआरडीओ को बधाई देता हूँ। इस प्रोजेक्ट से जुड़े वैज्ञानिकों से भारत को उन पर गर्व है।
दो हजार किलोग्राम वाला परमाणु हथियार ले जाने में हाइपरसोनिक मिसाइल सक्षम होती है।
हाइपरसोनिक मिसाइल आसानी से छह हजार किलोमीटर दूर के लक्ष्य को भेद सकती है।
दो हजार डिग्री सेल्सियस तक मिसाइल तापमान सहन कर सकती है।
संवाददाता, एबी बिहार न्यूज।