भारत-मॉरीशस: व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते को मंज़ूरी दी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और मॉरीशस के बीच एक व्यापक आर्थिक सहयोग और साझेदारी समझौते (CECPA) पर हस्ताक्षर करने को मंजूरी दी है। यह स्वीकृति 17 फरवरी, 2021 को दी गई थी।
व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता
- यह भारत और मॉरीशस के बीच एक तरह का मुक्त व्यापार समझौता है।
- दो-तरफा वाणिज्य को बढ़ावा देने के लिए मानदंडों को उदार बनाने के उद्देश्य से इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।
- यह समझौता भारत के लिए 310 निर्यात वस्तुओं जैसे खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों, कपड़ा और कपड़ा, कृषि उत्पाद, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक आइटम, प्लास्टिक और रसायन, लकड़ी इत्यादि को कवर करेगा।
- मॉरीशस को कुछ 615 उत्पादों के लिए भारत में तरजीही बाजार तक पहुंच प्राप्त होगी।इन उत्पादों में विशेष चीनी, बिस्कुट, खनिज पानी, ताजे फल, रस, बीयर, मादक पेय, चिकित्सा और शल्य चिकित्सा उपकरण, साबुन, बैग और परिधान शामिल होंगे।
- यह समझौता किसी भी अफ्रीकी राष्ट्र के साथ भारत का पहला ऐसा व्यापार समझौता है।
भारत-मॉरीशस व्यापार संबंध
भारत वर्तमान में मॉरीशस को अनाज, कपास, पेट्रोलियम उत्पाद, फार्मास्यूटिकल्स, विद्युत मशीनरी और कपड़ों के सामान का निर्यात करता है। जबकि मॉरीशस मोती, लोहा और इस्पात, कीमती पत्थरों, ऑप्टिकल उपकरणों, फोटोग्राफिक उपकरणों का निर्यात करता है। 2019-20 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 690 मिलियन अमरीकी डालर तक था। वर्ष 2018-19 में व्यापार 1.2 बिलियन अमरीकी डॉलर था।
मॉरीशस
इसकी राजधानी पोर्ट लुई में है, यह हिंद महासागर में एक द्वीपीय राष्ट्र है।
इसमें मुख्य द्वीप मॉरीशस, एजलेगा, रॉड्रिक्स और सेंट ब्रैंडन शामिल हैं।