चांद की सतह पर हमेशा के लिए रहेगा भारत का राष्ट्रीय चिह्न, चंद्रयान-3 का रोवर बनाएगा न मिटने वाले निशान
भारत का चंद्रयान-3 चांद के सफर पर निकल चुका है I 15 जुलाई शुक्रवार को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से इसका सफल प्रक्षेपण किया गया I इस समय ये पृथ्वी की कक्षा में है और धीरे-धीरे चक्कर लगाते हुए चांद की तरफ बढ़ रहा है I चंद्रयान-3 का मुख्य लक्ष्य चंद्रमा की सतह पर इसकी सॉफ्ट लैंडिंग करना है I उसके बाद ये चंद्रमा की सतह से डेटा इकठ्ठा करेगा और इसके रहस्यों से पर्दा उठाएगा I इसके साथ ही ये चंद्रमा पर भारत के राष्ट्रीय चिह्न के निशान भी बनाएगा I जो कि न मिटने वाला होगा I
आपको बता दें चंद्रयान 3 के 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग की योजना है I अभी तक सिर्फ तीन देश अमेरिका, रूस और चीन ही ऐसा कर चुके हैं I ऐसा करने के साथ ही भारत भी इन देशों के क्लब में शामिल हो जाएगा I चंद्रयान 3 के साथ इस बार केवल रोवर और लैंडर ही जा रहे हैं I चंद्रयान 2 के साथ भेजा गया ऑर्बिटर अभी भी वहां मौजूद है और काम कर रहा है I चंद्रयान-2 को 2019 में भेजा गया था, लेकिन सॉफ्ट लैंडिंग नहीं कर पाया था I चंद्रमा की सतह से दो किमी पहले चंद्रयान 2 के लैंडर का संपर्क टूट गया था I
जम्कारी के मुताबिक लैंडर से निकलने के बाद रोवर प्रज्ञान न केवल डेटा इकठ्ठा करेगा बल्कि चंद्रमा की सतह पर हमेशा के लिए भारत की मौजूदगी के निशान भी छोड़ेगा I रोवर का पिछला पहिया इस तरह डिजाइन किया गया है कि यह आगे बढ़ने पर अपने पीछे चंद्रमा की सतह पर सारनाथ में अशोक की लाट से लिया गया भारत का राष्ट्रीय चिह्न अंकित करेगा I इसका दूसरा पिछला पहिया इसरो का निशान प्रिंट करेगा जो हमेशा के लिए चांद पर भारत की मौजूदगी का प्रमाण होगा I