हर साल 25 नवंबर को मनाया जाता है ‘अंतर्राष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस

 हर साल 25 नवंबर को मनाया जाता है  ‘अंतर्राष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस

आयकर विभाग द्वारा  25 नवंबर को महिलाओं के खिलाफ हिंसा के उन्मूलन के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया गया। इस मौके हिंसा उन्मूलन के प्रति महिलाओं में जागरूकता लाने के लिए राजधानी पटना के संजय गांधी जैविक उद्यान के गेट नंबर 2 से गेट नंबर 1 तक walkathon का आयोजन किया गया जिसमें महिलाओं ने पूरे जोश के साथ walkathon में भाग लिये।

मालूम हो कि पूरे विश्व में महिलाओं के प्रति हिंसा, शोषण एवं उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं के उन्मूलन हेतु संयुक्त राष्ट्र के द्वारा प्रतिवर्ष 25 नवंबर को ‘अंतर्राष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस- International Day for the Elimination of Violence against Women’ मनाया जाता है। उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र के द्वारा महिला हिंसा उन्मूलन कार्यक्रम के तहत वर्ष 2030 तक के लिए ‘यूनाइट अभियान(UNiTE campaign)’ चला रहा है।

आपको बता दें 25 नवंबर 1960 को डोमिनिकन शासक ट्रुजिलो की तानाशाही का विरोध करने वाले तीन बहनों, पैट्रिया मर्सिडीज मिराबैल, मारिया अर्जेंटीना मिनेर्वा मिराबैल तथा एंटोनिया मारिया टेरेसा मिराबैल की ट्रुजिलो द्वारा नृशंसम हत्या करवा दी गई थी।1981 से महिला अधिकारों के समर्थकों के द्वारा इन तीनों बहनों की स्मृति के रूप में इस दिवस को मनाने की शुरुआत की गई जिससे बाद में वर्ष 1999 में संयुक्त राष्ट्र के द्वारा एक अंतरराष्ट्रीय दिवस के रूप में स्थापित किया गया।

महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा (VAWG)
महिलाओं और लड़कियों के विरुद्ध हिंसा (Violence against women and girls- VAWG) का स्वरूप विश्वव्यापी है । महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ इस तरह की हिंसा विश्‍व में सबसे भयंकर, निरंतर और व्‍यापक मानव अधिकार उल्‍लंघनों में शामिल है, जिसका दंश विश्‍व में हर तीन में से एक महिला को भोगना पड़ता है। उल्लेखनीय है कि इन हिंसा की अधिकांश घटनाएं प्रतिष्ठा,मौन, चुप्पी, कलंक और शर्म के कारण रिपोर्ट ही नहीं होती है । सामान्य शब्दों में महिलाओं के विरुद्ध हिंसा शारीरिक शोषण, यौन शोषण और मनोवैज्ञानिक शोषण के स्वरूपों में प्रकट होती है।

इन स्वरूपों की घटनाओं में शामिल है-
जीवन साथी के द्वारा हिंसा (शारीरिक हिंसा, मनोवैज्ञानिक दुर्व्यवहार, वैवाहिक बलात्कार, नशीला पदार्थ के सेवन हेतु मजबूर करना); यौन हिंसा और उत्पीड़न (बलात्कार, जबरन यौन कार्य कराना, अवांछित यौन कार्य करवाना, बाल यौन शोषण, जबरन शादी, सड़क या कार्य स्थलों पर उत्पीड़न करना एवं पीछा करना, साइबर उत्पीड़न); मानव तस्करी (दासता और यौन शोषण);
मादा जननांग विकृति (female genital mutilation); तथा बाल विवाह।

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