हिमालय की वादियों में ITBP ने कुछ यूं मनाया गया योग दिवस, विदेशों में भी क्रेज

 हिमालय की वादियों में ITBP ने कुछ यूं मनाया गया योग दिवस, विदेशों में भी क्रेज

सोमवार 21 जून को देश में योग दिवस मनाया जा रहा है. देश के विभिन्न हिस्सों से योग के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए तरह तरह के प्रयास किये जा रहे है. इस बार सेना के जवानों ने भी योग करते हुए बढचढ कर इस अभियान में हिस्सा लिया और देश को योग के प्रति जागरूक किया. देश की सीमा पर डंटे जवानो की योग करते विडियो खूब वायरल हो रहें है.

कश्मीर, लद्दाख और हिमालय के पर्वतीय क्षेत्रों में इंडो तिब्बत सीमा पर तैनात जवानों से इस योग दिवस पर योग किया और देश और दुनिया को योग के प्रति जागरूक किया.

आज के दिन देश बतौर धरोहर अपने सांस्कृतिक और विरासती योग को दुनिया के पटल पर लाना हमारा कर्त्तव्य है. चीन अपने संस्कृति कुंगफू इत्यादि को जिस गौरव के साथ दुनिया के सामने पेश करता है, फ़िल्में बनाता है, हमें भी अपने संस्कृति के प्रति वैसा करना चाहिए. क्योंकि हमारी  सभ्यता दुनिया की सर्वश्रेष्ठ सभ्यता कही जाती है.

सेना ने आज इस मुहीम में जुड़ कर देश वासियों से अपील की है कि उन्हें अपने धरोहर को बचाने की जरूरत है. देश की चिंता न करें, उसे बचाने के लिए वो सरहद पर मौजूद है. बिहार के मोतिहारी में भी अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर चकिया के मड़वारी धर्मशाला में योग कार्यक्रम हुआ आयोजित।

इस योग कार्यक्रम के आयोजन चकिया भाजपा मंडल ने किया। मौके पर पीपरा विधायक श्यामबाबू यादव “करे योग रहे निरोग” ने कहा कि जहाँ मेडिकल साइंस फेल होता है, वहां योग ही विश्व को रास्ता दिखाता है।

भारत के साथ दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में आज अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। यह अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का सातवां साल है। इस वर्ष की थीम ‘योग फॉर वेलनेस’ है, जो शारीरिक और मानसिक कल्याण के लिए योग का अभ्यास करने पर केंद्रित है।योग का इतिहास पुराना रहा है लेकिन अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के आयोजन का इतिहास ज्यादा पुराना नहीं है।

सितंबर 27 को साल 2014 में पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में इसकी पहल की थी। 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस प्रस्ताव को पूर्ण बहुमत से पारित किया था। संयुक्त राष्ट्र महासभा के 193 सदस्य देशों में से 177 सदस्यों ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने के प्रस्ताव को ध्वनिमत से मंजूरी दी थी।

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