गौशाला में मरणासन्न गायों की दुर्दशा दिखाने पर पत्रकारों पर दर्ज हुआ मुकदमा

 गौशाला में मरणासन्न गायों की दुर्दशा दिखाने पर पत्रकारों पर दर्ज हुआ मुकदमा

आपको याद होगा संन्यासियों जैसे कपड़े पहनने वाले मुख्यमंत्री अजय सिंह बिष्ट उर्फ आदित्यनाथ के प्रदेश में मिर्जापुर के प्राथमिक विद्यालय में ‘मिड-डे मील’ योजना के तहत विद्यार्थियों को नमक-रोटी परोसे जाने पर युवा पत्रकार पवन जायसवाल को न केवल फर्जी मुकदमे में फंसाया गया था, बल्कि उन्हें मानसिक और आर्थिक यातनाएं भी सहनी पड़ी थीं।

हालांकि बाद में मामले में भारतीय प्रेस परिषद सहित तमाम संगठनों के विरोध एवं जांच के उपरांत उन्हें बेदाग करार देते हुए सभी मुकदमे वापस लिये गये और मिर्जापुर के जिला प्रशासन को जमकर फटकार भी लगाई गई थी। इस मामले में इलाहाबाद हाइकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए समूचे प्रशासनिक तंत्र को कटघरे में खड़ा कर कड़े शब्दों में फटकार लगाते हुए कहा था कि पत्रकार खबर का वीडियो नहीं बनायेगा तो क्या करेगा।

बिल्कुल वैसा ही एक मामला जौनपुर जिले के मुफ्तीगंज विकास खंड से सामने आया है जहां संन्यासी मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट गौ-आश्रय स्थलों में व्याप्त विसंगतियां जगजाहिर करने वाले चार पत्रकारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

जानें क्या है पूरा मामला?—

जौनपुर जिले के युवा पत्रकार पंकज सिंह को ग्रामीणों से पता चला कि मुफ्तीगंज विकास खंड के पेसारा गांव स्थित अस्थाई गौशाला में चारा-पानी और समुचित देखभाल के अभाव में गोवंश मरणासन्न हालत में पहुंच गए हैं।

सच्चाई मालूम करने के लिए पत्रकार अरविंद यादव, आदर्श मिश्रा, पंकज सिंह और विनोद कुमार 21 मार्च, 2023 के दिन उक्त अस्थाई गौशाला में पहुंचे तो उन्होंने देखा कि गौशाला में गाएं चारा-पानी, दवा उपचार के अभाव में मरणासन्न स्थिति में पहुंच चुकी थीं। उनके द्वारा इस स्थिति को मीडिया में उजागर करना गौशाला के जिम्मेदार मुलाजिमों को रास नहीं आया। उन्होंने स्थानीय ग्राम प्रधान चंदा देवी पत्नी जयहिंद को मोहरा बनाते हुए इन पत्रकारों के विरुद्ध 24 मार्च, 2023 को एक मुकदमा धारा 504, 506, 384, 429, 3(2) के तहत केराकत कोतवाली में दर्ज करा दिया।

इन पत्रकारों पर मुकदमा दर्ज होने के बाद जौनपुर के पत्रकारों में उबाल आ गया। उन्होंने पत्रकारों का दमन करने वाली इस घटना की निंदा करते हुए जिले के पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर मुकदमा वापस लेने की मांग की है।

हालांकि इस मामले पर भारतीय प्रेस परिषद ने प्रेस परिषद (जांच प्रक्रिया) विनियम 1979 के अंतर्गत स्वत: संज्ञान लेते हुए 27 मार्च, 2023 को राज्य के प्रमुख सचिव और गृह सचिव पुलिस सहित जौनपुर के डीएम और एसपी को पत्र जारी कर जवाब-तलब किया है।

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