बिहार के 32 जिलों में कालाजार मरीज खोज अभियान शुरू, घर -घर जायेगी आशा कार्यकर्ता
बिहार के 32 जिलों में कालाजार मरीज खोज अभियान की शुरुआत की गई है। जबकि राज्य के बाकी 6 जिलों में कालाजार का एक भी केस नही है। जिसमें गया, अरवल, औरंगाबाद, रोहतास, कैमूर तथा जमुई में कुछ वर्षों से कालाजार का प्रभाव नहीं रहा है। इसलिए इन जिलों को छोड़कर बाकी जिलों में कालाजार रोगी की खोज की जा रही है। अभियान के दौरान आशा कार्यकर्ता द्वारा घर-घर जाकर कालाजार मरीजों की पहचान की जा रही है।
वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. अंजनी कुमार ने बताया कि खोज के दौरान आशा कार्यकर्ता संभावित लक्षणों की पहचान करेंगी। 15 दिनों से अधिक बुखार से पीड़ित व्यक्ति को चिह्नित कर डॉक्टर से जांच कराई जाएगी। यदि किसी व्यक्ति ने कालाजार का इलाज पूर्व में कराया हो फिर भी उनमें बुखार के साथ कालाजार के लक्षण पाये जाते हैं तो चिकित्सक की सलाह पर उन्हें आरके-39 किट से जांच न करते हुए बोनमैरो या स्पलीन जांच के लिए सदर अस्पताल रेफर किया जाएगा।
जानकारी के अनुसार, आपको बता दें एक आशा द्वारा हर दिन 50 घरों में जाकर खोज की जानी है। सबसे ज्यादा 250 घरों में रोगी खोज करने पर उन्हें प्रोत्साहन राशि के रूप में 200 रुपये का भुगतान किया जाएगा। मरीजों के इलाज की सुविधा PHC स्तर एवं जिला स्तर पर नि:शुल्क उपलब्ध है। मरीजों को सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने पर श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में सरकार द्वारा 71 सौ रुपये की राशि दी जाती है।